- एसएन का रेडियोथैरेपी वार्ड बदहाल

- एक बेड पर दो मरीज कीमोथैरेपी कराने को मजबूर

आगरा। कैंसर रोग का नाम ही बुरा है और इलाज में अव्यवस्थाएं हों तो इससे पार पाने की लड़ाई और मुश्किल हो जाती है। एसएन में अपने जीवन की सबसे मुश्किल, कैंसर की लड़ाई में जीतने की आस में आते मरीज दूसरे इंफेक्शन के शिकंजे में फंसने के खतरे में हैं। वार्ड में यह स्थिति रहती है कि एक बेड पर दो मरीजों को कीमोथैरेपी लेनी पड़ती है। बेड की कमी के चलते यहां ऐसी स्थिति बनी रहती है।

विभाग में सिर्फ 24 बेड

कैंसर जैसे रोग के लिए रेडियोथैरेपी विभाग में सिर्फ 24 बेड ही हैं। जबकि यहां मरीजों की संख्या हर समय 40 से 50 तक रहती है। ऐसे में विभाग की भी मजबूरी बन गई है कि इंफेक्शन का डर पता होते हुए भी उन्हें एक बेड पर दो-दो मरीजों को लेकर इलाज करना पड़ रहा है। मंगलवार को भी जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रिपोर्टर ने वार्ड का हाल देखा तो एक बेड पर दो मरीज कीमोथैरेपी ले रहे थे। इनमें से एक ही उम्र ज्यादा थी, तो वे लेटे थे, ऐसे में दूसरे मरीज को बैठे-बैठे दवाई लेनी पड़ रही थी।

कीमोथैरेपी में इम्यूनिटी पावर हो जाती है कम

कीमोथैरेपी के दौरान इम्यूनिटी पावर बेहद कम हो जाती है। ऐसे में अलग-अलग कैंसर वाले मरीजों को एक बेड पर शिफ्ट कर दिया जाए तो उन्हें इंफेक्शन का बेहद खतरा हो सकता है। उन्हें नई बीमारियों भी घेर सकती है। यदि किसी मरीज को फेफड़े का कैंसर हो और उसके साथ दूसरे मरीज को शिफ्ट कर दिया जाए, तो उसे खांसी से भी इंफेक्शन हो सकता है। लेकिन इन सब बातों से दरकिनार होकर, विभाग में एक बेड पर दो-दो मरीजों को ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।

पुरानी सर्जरी बिल्डिंग में है वार्ड

रेडियोथैरेपी वार्ड पुरानी सर्जरी बिल्डिंग में है। अभी इसकी मरम्मत का काम चल रहा है जिससे जगह की और कमी हो गई है। हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरम्मत में एक वार्ड रेडियोथैरेपी विभाग के लिए भी तैयार कराया जा रहा है।