- रिस्क लिया अपने लिए, महबूबा भागी दोस्त के साथ

- कभी सुपारी दी चंदन की, तो कभी कार का इंतजाम करवाया

- चंदन के साथ ही भाग गई धर्मेन्द्र की महबूबा

PATNA: त्रिकोणीय प्रेम की एक अलग कहानी सामने आई है। इसमें कभी रंगदारी, तो कभी सुपारी तो कभी बड़ा रिस्क लेकर किडनैपिंग का खेल खेलकर भी आशिक हाथ मलता रह जाता है। जी हां, इस लव स्टोरी की स्क्रिप्ट काफी रोचक है, जिसपर तो पुलिस वाले भी खूब मजा ले रहे। दरअसल, कहानी एक कुख्यात अपराधी धर्मेन्द्र यादव की है, जिसमें उसका एक दोस्त चंदन है और उसकी एक महबूबा। अपनी माशूका के लिए उसने क्या नहीं किया, मगर अंत में वह उसकी न होकर उसके दोस्त की हो गई। पुलिस के सामने यह कहानी तब आई, जब धर्मेन्द्र बेऊर जेल में था। जेल से ही उस दोस्त की सुपारी दी, जब बाहर निकला तो उसकी ही मदद से महबूबा को लेकर भागा, अब उसकी दोस्त के साथ उसकी माशूका भाग निकली, तो फिर पुलिस की गिरफ्त में आ गया है।

खुद की चाल में फंस गया

पुलिस की मानें, तो धर्मेन्द्र पर दर्जनों केसदर्ज हैं। वह कुछ दिनों पहले ही जेल से निकला और ख्फ् जून को दिनदहाड़े इंदिरा नगर रोड नम्बर दो से अपनी माशूका को ऑल्टो कार से लेकर फरार हुआ। हालांकि कार उसके कुछ दूरी पर ही छोड़कर वह दूसरी गाड़ी से फरार हो गया। गाड़ी में शादी के जोड़े भी पुलिस ने बरामद किए थे। धर्मेन्द्र तो खुद अपने ही चाल में फंस गया। उसकी महबूबा ने तो धर्मेन्द्र को छोड़ कर चंदन का हाथ पकड़ लिया। उसने धर्मेद्र के साथ शादी करने को किसी न किसी बहाने टालती रही। यहां तक कि उससे रुपए तक अकाउंट में डलवा लिए। लाखों रुपए देकर भी वह किसी काम का नहीं रहा। सीनियर एसपी ने बताया कि मामला त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग का है। धर्मेन्द्र को रामकृष्णानगर से गिरफ्तार किया गया है। चंदन ने कहा है इसकी जानकारी नहीं है। वहीं, यह वही चंदन है, जिसको मारने की सुपारी धमेंद्र ने जेल से दी थी।