पूरा दारागंज श्रद्धांजलि देने उमड़ा, पत्नी और बेटियों ने सुध-बुध खोया

निषाद और मल्लाह परिवार की सैकड़ों महिलाएं शव देख रो पड़ीं

ALLAHABAD: बुधवार को बालू खनन माफिया गगन निषाद को मौत के घाट उतारने आए हत्यारों की बमबाजी के शिकार महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' के पौत्र अखिलेश त्रिपाठी की बुधवार की देर रात मौत हो गई। गुरुवार सुबह उनके मौत की जानकारी मिलते ही पूरा दारागंज श्रद्धांजलि अर्पित करने उमड़ पड़ा। गम व गुस्से के बीच परिजनों ने अंतिम संस्कार किया। दारागंज इलाके में अखिलेश त्रिपाठी 'अखिलेश निराला' के नाम से जाने जाते थे। लोग उन्हें 'निराला' जी कह कर ही बुलाते थे। गम में गुरुवार को पूरा दारागंज बंद रहा।

शव देख हर आंख रोई

गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे अखिलेश त्रिपाठी का शव दारागंज स्थित आवास पर पहुंचा तो पूरा मोहल्ला रो पड़ा। शव को एम्बुलेंस से उतार कर जैसे ही घर के आंगन में रखा गया, पत्नी मिथिलेश तिवारी और बेटी कनुप्रिया व अनुप्रिया के साथ ही परिवार की अन्य महिलाएं चीख पड़ीं। मल्लाह व निषाद परिवार की सैकड़ों महिलाएं घर के बाहर सड़क किनारे व चबूतरे पर खड़ी होकर रो रही थीं। निराला जी हर किसी के अजीज थे। सामाजिक सेवा में हमेशा तत्पर रहते थे। दारागंज रामलीला कमेटी के उपाध्यक्ष के रूप में जहां अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते थे। वहीं लोगों के सुख-दुख में भी काम आते थे।

शव के पीछे दौड़ीं बेटियां

घर के आंगन में करीब 20 मिनट तक शव रखने के बाद अंतिम यात्रा ने जैसे ही दारागंज की ओर प्रस्थान किया, अखिलेश त्रिपाठी की दोनों बेटियां शव के पीछे-पीछे दौड़ पड़ीं। उन्हें परिजनों ने बड़ी मुश्किल से संभाला।

बे-मौत मारे गए निराला जी

अखिलेश त्रिपाठी निराला की अंतिम यात्रा में जितने लोग भी पहुंचे, उनके मुख से यही निकला कि बे-मौत मारे गए निराला जी। निशाना कोई और था और जान इनकी चली गई। वे बेचारे तो केवल सब्जी लेने निकले थे, लेकिन काल ने उन्हें अपना शिकार बना लिया।

पूरे परिवार पर बेटियों की जिम्मेदारी

अखिलेश त्रिपाठी निराला के परिवार में पत्नी मिथिलेश तिवारी के अलावा दो बेटियां कनुप्रिया और अनुप्रिया हैं। बड़ी बेटी कनुप्रिया एमए प्रीवियस की स्टूडेंट हैं, वहीं छोटी बेटी अनुप्रिया कक्षा नौ में पढ़ रही हैं। पिता की मौत के बाद अब अखिलेश त्रिपाठी के भाईयों और पूरे परिवार पर बेटियों की जिम्मेदारी आ गई है।