त्रिपुरा

त्रिपुरा में 18 फरवरी रविवार को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ है। इस राज्य की विधानसभा की 60 में से 59 सीटों के चुनाव के लिए वोट पड़े। इसमें 78.56 फीसद से अधिक वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। ऐसे में चुनावों में मुख्यमंत्री माणिक सरकार सहित 292 उम्मीदवार की किस्मत का फैसला होगा। त्रिपुरा में कुल 25,73,413 पंजीकृत मतदाता हैं। माकपा की अगुआई वाले वाम मोर्चा सरकार को इस बार भाजपा से तगड़ी चुनौती मिल रही है। वहीं माणिक सरकार 1998 से त्रिपुरा के मुख्यमंत्री हैं। 25 साल से मुख्यमंत्री रहे माणिक सरकार को भी पता है इस बार टक्कर मिलने वाली है।

मेघालय

मेघालय में बीती 27 फरवरी को मतदान हुआ। मेघालय में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। यहां कांग्रेस पिछले 10 वर्षों से शासन कर रही है। हालांकि इस बार भाजपा ने यहां पर कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने के लिए फिलहाल कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। कांग्रेस ने 59 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने 47 उम्मीदवारों को नामांकित किया है। इस राज्य में लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पी ए संगमा के पुत्र कॉनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और भाजपा अलग अलग चुनाव लड़ रही हैं लेकिन नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) में एनपीपी भाजपा की सहयोगी है।

नागालैंड

नागालैंड में भी 27 फरवरी को ही मतदान पूरा हुआ। भाजपा को नीफियू रियो की नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के साथ किनारे लगने की उम्मीद है। एनडीपीपी 40 सीटों पर और भाजपा ने 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं कांग्रेस इस बार केवल 18 सीटों पर ही चुनाव लड़ी है। मतदान के दौरान नागालैंड के जिला टीजित के मोन मतदान क्रेंद पर बम धमाका हुआ है। धमाके में एक नागरिक घायल हुआ है। इसके अलावा कई जगह पोलिंग पार्टियों पर हमले भी हुए हैं। भाजपा उत्तर-पूर्व में उभरती हुई एक इकाई मानी जा रही है। नागालैंड में 1963 के बाद से कांग्रेस के तीन मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं।

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