-कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर आयुष्मान व सौभाग्य योग के साथ स्वाति नक्षत्र का संयोग

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PRAYAGRAJ: कार्तिक कृष्णपक्ष की अमावस्या पर बुधवार को दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। अमावस्या की तिथि मंगलवार को ही लग जाएगी। इस बार दीपावली पर समृद्धि और साम‌र्थ्य प्रदान करने वाले आयुष्मान योग और सौभाग्य योग के साथ स्वाति नक्षत्र का मंगलकारी त्रिवेणी संयोग बन रहा है। पाराशर ज्योतिष एवं वास्तु संस्थान के निदेशक पंडित विद्याकांत पांडेय की मानें तो दोनों योग व स्वाति नक्षत्र के संयोग में लक्ष्मी पूजन का साकारात्मक असर साधक के जीवन में लम्बी अवधि तक रहेगा। इसकी वजह यही है कि आयुष्मान योग में किए गए कार्य लम्बे समय तक शुभ फल प्रदान करते हैं। जबकि सौभाग्य योग सदा मंगल करने वाला होता है।

महत्वपूर्ण तथ्य

- छह नवम्बर को कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या की शुरुआत रात 10.27 बजे होगी

- इसका मान बुधवार को रात 9.30 बजे तक रहेगा

- बुधवार को सूर्योदय से ही स्वाति नक्षत्र लग जाएगा

इसका मान शाम को 7.36 बजे तक रहेगा। उसके बाद विशाखा नक्षत्र लग जाएगा

- छह को ही आयुष्मान योग शाम 7.56 बजे व्याप्त हो जाएगा

- इसका मान दीपावली के दिन शाम 5.55 बजे तक रहेगा। उसके बाद सौभाग्य योग लग जाएगा जो आठ नवम्बर को शाम 4.23 बजे तक रहेगा

प्रदोष काल में दीपदान उत्तम

ज्योतिषाचार्य पंडित विनय कृष्ण तिवारी की मानें तो दिन-रात के संयोग काल को प्रदोष काल कहते हैं। जहां दिन विष्णु स्वरूप है वहीं रात माता लक्ष्मी स्वरूपा है। दोनों के संयोग काल को ही प्र दोष काल कहा जाता है। प्रदोष काल में दीपावली पूजन का श्रेष्ठ विधान है।

- प्रदोष काल शाम 5.42 बजे से लेकर रात 7.37 बजे तक

- स्थिर लग्न कुंभ दोपहर 1.06 बजे से लेकर 2.34 बजे तक रहेगा।

- प्रदोष काल व्यापिनी स्थिर लग्न वृष शाम 5.42 बजे से लेकर रात 7.38 बजे तक।

वर्जन

जिस प्रकार स्वाति नक्षत्र में ओस की बूंद सीप पर गिरती है तो मोती बनती है। उसी प्रकार इस नक्षत्र में जातक की ओर से किया गया कार्य उसे सफलता की चमक प्रदान करता है। इस नक्षत्र के साथ आयुष्मान व सौभाग्य योग बनने से दीपावली लम्बे समय तक समृद्धि का कारक सिद्ध होगी।

पं। विद्याकांत पांडेय, ज्योतिषाचार्य