RANCHI : रिम्स में बेहतर इलाज की उम्मीद लिए मरीज आते हैं, पर उन्हें पहले यहां की अव्यवस्था से जद्दोजहद करनी पड़ती है। इसकी बानगी बुधवार को एकबार फिर देखने को मिली। ओरमांझी के रहने वाले एतो महतो अपनी बेटी का इलाज कराने यहां आए थे। उन्होंने जब इमरजेंसी में ट्राली की मांग की तो किसी ने उसे उपलब्ध कराना तो दूर, बात सुनना भी मुनासिब नहीं समझा.आखिरकार वे अपनी बेटी को कंधे पर बैठाकर इलाज के लिए रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट ले जाने को मजबूर हुए। एक मरीज को ट्रॉली नहीं मिलना रिम्स एडमिनिस्ट्रेशन के व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है।

यह है मामला

ओरमांझी निवासी एतो महतो की बेटी गीता देवी सड़क हादसे में गंभीर रुप से घायल हो गई थी। उसके सिर में चोट लगी थी। ऐसे में वे अपनी बेटी को इलाज के लिए रिम्स लेकर आए थे। यहां इमरजेंसी में उसे एडमिट किया गया। डॉक्टर ने चेकअप करने के बाद सिटी स्कैन कराने को कहा। ऐसे में सिटी स्कैन के लिए बेटी को रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट तक ले जाने के लिए ट्रॉली खोजनी शुरु की, पर उपलब्ध नहीं हो सकी। इतना ही नहीं, सिटी स्कैन कहां होता है, इस बारे में भी उन्होंने जानकारी मांगी तो इमरजेंसी में किसी ने कुछ भी नहीं बताया। ऐसे में वे अपनी बेटी को कंधे पर उठाकर इमरजेंसी से रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट के लिए निकल पड़े।