24 घंटे में ही बढ़ी अस्थमा के मरीजों की परेशानी

20 से 50 फीसदी मरीजों का इजाफा हो गया दो दिनों में

25 फीसदी मरीज सीओपीडी के बढ़े जिला अस्पताल में

15 से 20 फीसदी मरीजों की बढ़ोत्तरी हुई प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिक में

5 से 10 प्रतिशत की बिक्री बढ़ गई मास्क की

5 रूपये से लेकर 300 रूपये तक का मास्क बाजार में उपलब्ध

Meerut। आसमान में छाए धूल के गुबार से अस्थमा और सांस के मरीजों को अस्पताल पहुंचाना शुरु कर दिया है। दो दिन में ही मरीजों में 20 से 50 प्रतिशत का इजाफा हो गया है। स्थिति यह है कि कंट्रोल में चल रहे मरीजों को भी एकाएक परेशानी उठानी पड़ गई है, वहीं सीवियर मरीजों को आईसीयू तक में भर्ती होना पड़ गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर ऐसी ही स्थिति रही तो मरीजों का आंकड़ा काफी ज्यादा बढ़ सकता है।

यह रही स्थिति

हवा में हुए प्रदूषण की वजह से दो दिन में सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में दमा, दिल, दिमाग के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला। जिला अस्पताल के एसआईसी डॉ। पीके बंसल ने बताया कि सीओपीडी के करीब 25 प्रतिशत मरीज बढ़े हैं, जबकि मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ। अजीत चौधरी के मुताबिक दो दिन में करीब 50 प्रतिशत मरीजों में इजाफा हुआ। प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिक में भी 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई। मरीजों को सांस लेने में दिक्कत, दौरे पड़ने, बीपी की समस्या सबसे ज्यादा देखने में आई। इसके अलावा अस्थमा व हार्ट के सीवियर मरीजों आईसीयू में एडमिट होना पड़ रहा है। जहरीली हवा से गर्भवती महिलाओं को भी नुकसान हो रहा हे। ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ गया है। जिला टीबी अधिकारी डॉ। एमएस फौजदार के मुताबिक धूल के कणों में कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, निकिल, कोबाल्ट सल्फर, रेडियोधर्मी पदार्थ, जिंक और लेड जैसे खतरनाक और जहरीले एलीमेंट्स मिले होते हैं। सांस के साथ यह एलीमेंट्स नलियों में पहुंच जाते है, जिससे सांस फूलने, घुटन, इंफेक्शन, गले में खराश, सांस न आना जैसी समस्याएं पैदा होती है।

मास्क के बाजार में हलचल

अचानक से मौसम में हुए बदलाव से मास्क के बाजार में उछाल आ गया है। सांस के मरीजों के अलावा सामान्य लोग भी मास्क लेने के लिए दुकानों में उमड़ रहे हैं। विक्रेताओं के मुताबिक फिलहाल 5 से 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है, लेकिन स्थिति अगर ऐसी ही रही तो मास्क की डिमांड में काफी उछाल आ सकता है। बाजार में फिलहाल 5 रूपये से लेकर 300 रूपये तक का मास्क उपलब्ध हैं। दवा विक्रेता रजनीश कौशल बताते हैं कि फिलहाल मास्क का स्टॉप पर्याप्त हैं लेकिन अगर डिमांड तेजी से बढ़ गई तो दिक्कत आ सकती हैं। वहीं दवा विक्रेता मनोज शर्मा के मुताबिक पिछले दिनों मास्क की डिमांड न के बराबर थी। अभी फिलहाल सांस के मरीज ही मास्क ले रहे हैं।

ऐसे करें बचाव

सांस के मरीज इंहेलर साथ रखे, जरूरत पड़े तो डोज बढ़ा दें

घर के बाहर पानी का छिड़काव करते रहे। खिड़कियां-दरवाजे बंद रखे।

पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं

आंखों में जलन हो तो ठंडे पानी से धोएं।

मुंह पर मास्क या कपड़े से ढ़ककर ही घर से बाहर निकलें।

बहुत ज्यादा दिक्कत हो गई हैं। दो दिन में ही अस्पताल आना पड़ गया हैं। अस्थमा कंट्रोल में था अब दिक्कत हो रही हैं।

अरूण

मुझे धूल से एलर्जी हैं। धूल बढ़ने से अब दिक्कत हो रही हैं। लगातार खांसी और गले में खराश बनी हुई हैं।

रोहित

इस वक्त लोगों को विशेष ख्याल रखने की जरूरत हैं। सावधानी बरतें और घर से कम निकलें।

डॉ। वीरोत्तम तोमर, चेस्ट स्पेशलिस्ट