फ्लैग: लोकल पुलिस और जीआरपी मिलकर जर्नी करेंगे सेफ

-ट्रेन में सफर के दौरान कोई भी घटना होने पर 112 पर कॉल करने से मिलेगा क्विक रेस्पॉन्स

-घटनास्थल ही नहीं, पैसेंजर्स कहीं भी दर्ज करा सकेंगे कंप्लेन, तुरंत मिलेगी हेल्प

बरेली: रेलवे पैसेंजर्स की हेल्प के लिए अब कॉल 112 भी तैयार रहेगी। इसके लिए जीआरपी कंट्रोल रूम से कॉल 112 सर्विस को कनेक्ट कर दिया गया है। सफर के दौरान कहीं भी वारदात होने पर रेलवे के नंबर या 112 पर कॉल करने पर पैसेंजर्स को हेल्प मिलेगी। इससे पैसेंजर्स को जल्द हेल्प मिलेगी और सेफ्टी का भी अहसास होगा।

नहीं हो पाती थी कंप्लेन

वारदात होने के बाद एफआईआर कराने में भी पैसेंजर्स को प्रॉब्लम होती है। ट्रेन में वारदात होने पर पैसेंजर को जीआरपी बरेली के व्हाट्सएप नंबर 9454404407 पर कंप्लेन करनी होती है। यदि वारदात आउटर से बाहर हुई है, तो रिपोर्ट दर्ज कराने में दिक्कत आती थी। एक-दूसरे के थाने की घटना कहकर टाल दिया जाता था। जीआरपी थाना दूर होता था, तो सिविल पुलिस कोई हस्तक्षेप नहीं करती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। 112 पर कॉल करने पर तुरन्त यूपी पुलिस एक्शन लेगी।

मोबाइल नंबर किए गए कनेक्ट

जीआरपी सीओ, इंस्पेक्टर और एसआई के मोबाइल नंबर कंट्रोल रूम से कनेक्ट किए गए हैं। इससे 112 पर कॉल आने पर मामला उनके संज्ञान में भी आ जाएगा। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर डेवलप किया गया है। इससे जीआरपी बरेली डिवीजन के सभी डिस्ट्रिक्ट को कनेक्ट कर दिया गया है। जिसके तहत जीआरपी ने वर्क भी शुरू कर दिया है।

ऐसे कनेक्ट होगी कॉल

कॉल 112 से जीआरपी के कनेक्ट होते ही पैसेंजर्स की लोकेशन डिसप्ले होने लगेगी। यहां से सूचना संबंधित थाने को फॉरवर्ड कर दी जाएगी। आउटर होने से सिविल थाने की फोर्स भी पहुंचेगी, इसमें जीआरपी के सभी थानों को जिओ मैपिंग के जरिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम से कनेक्ट किया गया गया है।

कहीं भी करा सकेंगे एफआईआर

अक्सर ट्रेन में वारदात होने पर सीमा विवाद के चलते पीडि़त को एफआईआर दर्ज कराने के लिए भटकना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। वारदात की सूचना कॉल 112 पर देने के बाद पैसेंजर सफर के दौरान अपनी यात्रा शुरू करने से लेकर यात्रा समाप्त करने तक कहीं पर भी कंप्लेन दर्ज करा सकेंगे।

कॉल 112 को जीआरपी कंट्रोल रूम से कनेक्ट किया गया है, ऐसे में कोई घटना होने पर पैसेंजर्स को क्विक रिस्पॉन्स प्राप्त हो सकेगा। हम पैसेंजर्स की यात्रा को सुरक्षित बनाने के प्रयास में जुटे हैं। इस व्यवस्था के लागू होने पर ट्रेनों में होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगी है।

डीके सिंह, डीआईजी रेलवे