- चिकित्सकों ने दी गर्म हवाओं से बचने की हिदायत

Meerut . गर्मियों में तापमान के साथ साथ हवाएं भी अब लू में तब्दील हो गई हैं. ऐसे मौसम में सीधे गर्म हवा के संपर्क में आने से आप बीमार हो सकते हैं या चिकित्सीय भाषा में कहें तो हीट स्ट्रोक का शिकार हो सकते हैं. इसका सबसे खतरनाक पहलू यह है कि यह ब्लड प्रेशर को इस कदर बढ़ा देता है कि हम बेहोश हो सकते हैं. इसलिए चिकित्सकों की सलाह है कि गर्म हवाओं से बचकर रहें.

हीट स्ट्रोक के लक्षण

- गर्म हवा के सीधे संपर्क में आने पर त्वचा गर्म और शुष्क हो जाती है

- शरीर का तापमान 104 डिग्री से अधिक यानि तेज बुखार हो सकता है

- दिल की धड़कन और सांसें अचानक से तेज हो जाना या कम हो जाना

- अचानक बेहोशी छा जाना

- शरीर की नसों का कसना

- हीट स्ट्रोक शरीर के ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का प्रयास करता है.

- हीट स्ट्रोक का तेज धूप में अधिक समय तक काम करने वालों को अधिक खतरा रहता है.

- ज्यादातर केस में हीट स्ट्रोक शरीर में पानी की कमी के कारण होता है.

जरूरी है सावधानी

- हीट स्ट्रोक का अधिक असर शिशुओं, छोटे बच्चों और 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गो पर अधिक होता है.

- शुगर, मानसिक बीमारी, ब्लड प्रेशर की दवा खाने वाले या मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति को भी सावधान रहना चाहिए.

हीट स्ट्रोक से ट्रीटमेंट-

- हीट स्ट्रोक होने पर मरीज को अधिक से अधिक नहाना चाहिए. उसे गीली बेडशीट, चादर या तौलिया लपेट दें.

- धूप में बेहोश होने पर मरीज को हाइड्रेटेड करना चाहिए और पानी पिलाना चाहिए

- हीट स्ट्रोक के कारण खून गाढ़ा हो जाता है. ऐसे में पानी या इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर तरल चीजें देनी चाहिए.

- मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाएं

- एनर्जी या शुगर वाले पेय पदार्थ न दें

इन बातों का रखें ध्यान

- धूप में निकलने से बचें

- खूब पानी पिएं

- शुगर का कम इस्तेमाल करें

- कैफीन और शराब से बचें

- हल्के रंग के ढीले-ढाले कपड़े पहनें

- बाहर निकलते समय छाते, टोपी या कपड़े से खुद को कवर रखें

हीट स्ट्रोक एक गंभीर बीमारी है. घर से बाहर निकलने से पहले अधिक से अधिक पानी पीने की कोशिश करें. धूप में बाइक या पैदल बाहर न निकलने का प्रयास करें, यदि जाना भी है तो शरीर को कवर करके या कम से कम सिर को ढककर ही बाहर निकलें.

- डा ए के रस्तोगी, फिजीशियन