-ट्रांसपोर्ट नगर बसाने की एक माह की टाइम लाइन के पहले दिन ही एक्शन फ्लाप

- कार्रवाई के लिए निकले अधिकारी तो ट्रकों ने लिया पेट्रोल पम्प का आसरा

BAREILLY:

ट्रांसपोर्ट नगर एक माह में बसाने के लिए शुरू हुआ अभियान पहले ही दिन औंधे मुंह नजर आया। जबकि, प्रशासन ने दो दिन पहले मेयर, आरटीओ, ट्रांसपोर्टर्स के साथ मीटिंग कर मंडे से ट्रकों को शहर से बाहर खदेड़ने की बात कही थी। साथ ही, लोडेड ट्रक में मिलने पर दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी थी, लेकिन मामला सिफर रहा। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने श्यामगंज से सेटेलाइट, पीलीभीत रोड पर रियलिटी चेक किया तो ट्रक रोड पर ही खड़े मिले।

पेट्रोल पम्प बन ठिकाना

ट्रांसपोर्टर्स को शहर में ट्रक खड़ा करने के लिए पेट्रोल पम्प ओनर्स आसरा दे रहे हैं, जो कि पेट्रोल पम्प कैम्पस में ट्रक खड़ा करने की इजाजत दे रहे हैं। इसक लिए वह ट्रांसपोर्टर्स से प्रति ट्रक 100 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज कर रहे हैं। मंडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम पीलीभीत रोड स्थिति विजय फिलिंग स्टेशन पर पहुंचे तो 5-6 ट्रक खड़े मिले। पम्प के पास ही एक मैकेनिक की दुकान पर 5 ट्रक खड़े थे। वहीं श्यामगंज से सेटेलाइट तक रोड के दोनों तरफ बड़ी संख्या में ट्रक खड़े नजर आए। जो कि प्रशासन द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर बसाए जाने की प्लॉनिंग को मुंह चिढ़ा रहे थे। हालांकि, इस समस्या से निपटने के लिए एसपी ट्रैफिक कमलेश बहादुर ने डीएम आर विक्रम सिंह को इस संबंध में लेटर लिखा है। ताकि, संबंधित पेट्रोलियम कंपनियों को दिशा-निर्देश जारी किए जा सके कि ट्रक खड़ा करवाने वाले पेट्रोल पम्प ओनर्स के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

अपना फायदा देख रहे व्यापारी

ट्रांसपोर्ट नगर न बसने के पीछे कहीं न कहीं शहर के व्यापारी ही हैं। क्योंकि ट्रांसपोर्ट नगर बसने से शहर में ट्रकों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। सभी ट्रक सिर्फ ट्रांसपोर्ट नगर तक ही आएंगे। जिसके चलते व्यापारियों को छोटे वाहन से माल लाना होगा। जबकि अभी व्यापारी रात में नो एंट्री खुलने का फायदा उठाकर ट्रकों को शहर में एंट्री कराते हैं, लेकिन नो एंट्री खत्म होने के बाद वापस नहीें भेजते हैं। ट्रांसपोर्ट नगर बसने से सभी मिस्त्री और दुकानदारों को वहां पर जाना होगा, लेकिन दुकानदार अपना पुराना बिजनेस बंद नहीं करना चाहते हैं। इसके अलावा ट्रांसपोर्टर्स भी श्यामगंज और सीबीगंज एरिया से अपना बिजनेस बाहर नहीं लेकर जाना चाहते हैं।

जब्त नहीं सिर्फ किया चालान

हालांकि, ट्रकों को शहर से ट्रांसपोर्ट नगर खदेड़ने के लिए ट्रैफिक पुलिस मंडे सुबह से ही कार्रवाई में जुटी रही। सुबह और शाम को अभियान चलाया गया, लेकिन एक भी ट्रक जब्त नहीं किए गए। सिर्फ चालान करके छोड़ दिया गया। मंडे को .ट्रकों के चालान किए गए।

बीडीए और ट्रांसपोर्टर्स की नहीं हुई मीटिंग

कलेक्ट्रेट में सैटरडे को हुई बैठक में डीएम आर विक्रम सिंह ने ट्रांसपोर्टर्स को बीडीए अधिकारियों के साथ मंडे को एक मीटिंग करने के निर्देश दिए थे। मंडे को ट्रांसपोर्टर्स शोभित सक्सेना, अमजद सलीम, अमरजीत सिंह बख्शी और मैकेनिक बीडीए ऑफिस दोपहर 12.30 बजे पहुंचे थे, लेकिन बीडीए एसई रमेश चंद्र जायसवाल ने बैठक करने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि इस समय बिल्डर्स के साथ मीटिंग होनी हैं। आप लोग दोपहर 3 बजे आइएगा। इस बात पर ट्रांसपोर्टर्स ने दोबारा आने की बात से इनकार कर दिया।

ये है फ्लाप होने की वजह

- बीडीए ने टीपी नगर में 1074 ट्रांसपोर्टर्स भूखंड, 12 दुकानें और 15 व्यावसायिक भूखंड बनाएं है। ट्रांसपोर्टर्स की जगह भूखंड जमीन का कारोबार करने वाले प्रापर्टी डीलरों को आवंटित कर दिए गए। प्रापर्टी डीलरों ने यहां ऑफिस या दुकान बनानी नहीं थी इसलिए सस्ती दरों में खरीदे गए भूखंडों को महंगे रेट पर बेचने के इरादे से ग्राहक देखते रहे।

- टीपी नगर के 24.89 हेक्टेयर एरिया में बैंक, फायर स्टेशन, बिजनेस सर्विस सेंटर, डिस्पेंसरी, पुलिस स्टेशन, कम्यूनिटी हॉल और आरटीओ समेत सरकारी और प्राइवेट ऑफिस शिफ्ट करने की योजना थी। सरकारी ऑफिस को ही शिफ्ट करने की पहल नहीं की गई। ट्रांसपोर्टर्स ने भी रुचि नहीं ली।

- पार्किंग और सड़क के किनारे वाली जमीन पर मैकेनिक, ढाबे और बाहर से आए लोगों ने कब्जा कर झोपड़ी बना ली। अब न तो कब्जा हट पा रहा है और न ही पार्किंग की जगह खाली हो पा रही। कुछ ट्रांसपोर्टर्स पहुंच भी गए हैं, लेकिन ज्यादातर नहीं पहुंचे।

- बिजनेस सेंटर-1, कॉमर्शियल कॉप्लेक्स ए-1, कामर्शियल कॉप्लेक्स बी-1, होटल, ढाबा-ए, ढाबा-बी, ढाबा सी, तौल कांटा, सर्विस सेंटर-ए, सर्विस सेंटर-सी, नर्सिंग होम (सब एक-एक), ट्रांसपोर्ट भूखंड 10 खाली हैं। इनके लिए दो बार पंजीकरण भी खोले गए लेकिन कोई आवेदन नहीं मिला।

एक नजर

- 80 ट्रांसपोर्टर्स बरेली में हैं।

- 1,000 ट्रक ट्रांसपोर्टर्स के पास हैं।

- 600 ट्रक रोजाना उत्तराखंड, वाराणसी, गुवाहाटी सहित अन्य शहरों से बरेली में आते हैं।

ट्रांसपोर्ट नगर में 80 फीसदी ट्रांसपोर्टर्स चले गए हैं। कुछ लोग रह गए गए है। सैटरडे को हुई मीटिंग में डीएम साहब से बीडीए अधिकारियों से मंडे को मिलने के लिए कहा था। हम लोग गए भी थे, लेकिन अधिकारियों ने मीटिंग नहीं की।

शोभित सक्सेना, अध्यक्ष, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन