पिछले दिनों पाकिस्तान की जेल से रिहा होने के बाद सुरजीत सिंह ने कहा था कि वहां उन्हें और उनके साथियों को अच्छा खाना मिलता था। यह बात भले ही कई लोगों को अच्छी लगी हो लेकिन पाक की जेल में बंद सरबजीत सिंह को यह सुनकर काफी कष्ट हुआ.  गुरुवार को सरबजीत सिंह के वकील अवैस शेख जब उससे मिलने जेल पहुंचे तो सरबजीत ने अपने दर्द को कुछ अलग ही अंदाज में बयां किया।

वकील अवैस शेख ने आई नेक्स्ट रिपोर्टर को मेल के जरिए बताया कि जब वो सरबजीत के साथ बात कर रहे थे तो सरबजीत ने अपनी थाली में रखी रोटी से एक कौर तोड़ा और मुझसे खाने को कहा। उसने कहा कि अवैस जी आप बताइए कि इस रोटी का स्वाद कैसा है। मैंने वह कौर खाया। यकीन मानिए उस रोटी में कोई स्वाद नहीं था। मैंने सरबजीत से कहा, आखिर ये जेल ही है सरबजीत। यहां की रोटी तो ऐसी ही होगी। सरबजीत ने कहा कि हो सकता है सुरजीत को वीआईपी ट्रीटमेंट मिलता हो, जैसा कि वह कह रहे हैं, लेकिन सच तो यह है कि हमें खाने को ऐसा ही मिलता है।

 

वन टू वन मीटिंग

वकील अवैस शेख ने आईनेक्स्ट को बताया कि यह पहली बार है जब  उन्होंने सरबजीत से एक घंटे तक अकेले में सीधी बात की। इस दौरान एंटी टेररिस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी भी हमसे दूर थे। इस बातचीत के दौरान सरबजीत ने कई मुद्दों पर बात की।

पढऩे के लिए किताबे मांगी

अवैस शेख ने कहा कि जेल में बंद सरबजीत कुछ बुक्स भी पढऩा चाहता है। उसने मुझसे कहा कि मैं उसे मार्केट से कुछ बुक्स लाकर दे दूं। उसने जो बुक्स के नाम बताए मैंने उन्हें नोट कर लिया है और अब उसे खरीदकर दे दूंगा। अवैस ने कहा कि सरबजीत ने  जरदारी को पत्र में 14 अगस्त को पाक के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्हें रिहा करने की अपील की है। सरबजीत ने उस लेटर को भी दिखाया जिसे उनकी फैमिली ने भेजा है।

                                                                                                                                                               Vishesh Shukla

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