बरसात से पहले जलनिकासी का इंतजाम न हुआ तो कीडगंज में बदतर होंगे हालात

जगह-जगह खोद कर छोड़ दी गई सड़कों ने बढ़ा दी है टेंशन

ALLAHABAD: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश भी बारिश से तरबतर होने वाला है। आसमान में उमड़ घुमड़ रहे बादल इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि मानसूनी बारिश में अब ज्यादा वक्त नहीं है। लेकिन जिले के अफसरों की नींद अब भी नहीं टूट रही है। इससे सिटी के कीडगंज एरिया के लोगों की धड़कनें अभी से बढ़ गई हैं। वे इस बात से डरे हैं कि बारिश से पहले नालों की सफाई न हुई तो सड़क पर घुटने से ऊपर पानी बहेगा। अबकी एरिया के लोगों की चिंताएं और भी बढ़ गई हैं, क्योंकि यहां जगह-जगह पर सड़कें खोदी गई हैं।

सीवर लाइन है चोक

कीडगंज एरिया के वार्ड नम्बर 23 के निवासियों को मानसूनी बरसात का डर कुछ ज्यादा ही सता रहा है। कच्ची सड़क, कृष्णा नगर, फकीरे वाली गली, त्रिवेणी रोड इत्यादि ऐसे इलाके हैं, जहां बरसात के दिनों में जलजमाव की भयावह स्थिति देखने को मिलती है। नाली, नाला और सीवर लाइन चोक होने से बारिश का पानी बहकर आगे नहीं जा पाता। पानी सड़क पर आकर ठहर जाता है। कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि अत्यधिक बरसात में घुटनों के ऊपर तक पानी पूरी दिन ठहरा रहता है। इलाके के लोगों का कहना है कि इसके लिए सीधे तौर पर नगर निगम और जल संस्थान के अफसर जिम्मेदार हैं।

35 हजार की आबादी

कृष्णा नगर के लोगों का कहना है कि पैंतीस हजार की आबादी पर मात्र पच्चीस-तीस सफाई कर्मी ही काम कर रहे हैं। इनमें से भी ज्यादातर गायब ही रहते हैं। ऐसे में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। गौर करने वाली बात तो यह है कि बड़े बड़े नालों में भारी मात्रा में सिल्ट जमा है। अफसर पचास किलो सिल्ट में 'पौवा' भर शील्ट निकलवा कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। यही सिल्ट सीवर लाइन को जाम करने का बड़ा कारण है। कृष्णा नगर के पार्षद गणेश केशरवानी का कहना है कि महापौर और नगर आयुक्त समस्या पर गंभीर नहीं हैं। इससे पार्षद को लोगों का आक्रोश झेलना पड़ रहा है।

अब भी वक्त है, बचा लें मोहल्ला

पार्षद का कहना है कि यदि समय रहते पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए तो इस बार हालत बेहद दयनीय होंगे। क्योंकि कई जगहों पर विकास कार्य के नाम पर लम्बे समय से सड़कें खोद रखी हैं। जहां काम हो चुका है वहां भी सड़कों को ठीक ढंग से पाटा नहीं गया है। ऐसे में बारिश के दिनो में दुर्घटना के पूरे चांसेज हैं। नाली नालों का सीधा संबंध सीवर लाइन से है। अब भी वक्त है। मशीन लगाकर सिल्ट को बाहर निकाल कर चार पांच दिन में काम खत्म कर सकते हैं।

महापौर कहती हैं कि मैं बैठक पर बैठक कर रही हूं। लेकिन समस्या जस की तस है। सफाई के लिए मैन पावर बढ़ाने की तुरंत जरुरत है। उखड़ी सड़कें ठीक न हुईं तो हादसे भी होंगे।

गणेश केशरवानी, पार्षद कृष्णा नगर