BAREILLY: क्षय रोग में एमडीआर (मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट) और एक्सडीआर (एक्सटेन्सिवली ड्रग रेसिस्टेंट टयूबरक्यूलोसिस) मरीजों की संख्या बढ़ गई है। यह खुलासा पिछले वर्ष के आंकड़ों से हुआ है। डॉक्टर्स का कहना है कि समय-समय पर चलने वाले अभियान से अवेयर होकर लोग हॉस्पिटल पहुंचे है, जिससे मरीजों की संख्या में बढ़े है। सरकार की तरफ से टीबी (टयूबरक्यूलोसिस) को नियंत्रण करने के लिए निश्चय पोर्टल बनाया गया है। जिस पर टीबी मरीज की निगरानी शासन से लेकर प्रशासन तक ऑनलाइन कर सकता है।
एक नजर
वर्ष 2016
5743- मरीज रजिस्टर्ड
145 एमडीआर
08- एक्सडीआर
वर्ष 2017
6200 मरीज रजिस्टर्ड
190-एमडीआर
18-एक्सडीआर
2-सीबी नॉट जांच मशीन डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में
86 मरीज-वर्ष 2018 जनवरी
घर-घर जाकर खोजे थे मरीज
टीबी मरीजों व उनके इलाज से संबंधित सूचनाएं व इलाज से स्वास्थ्य में सुधार से अन्य सभी जानकारी पोर्टल पर दर्ज होंगी। प्रतिदिन पोर्टल अपडेट किया जाएगा। इसमें सुझाव व शिकायत को लेकर भी सुविधा दी गई है। जिला क्षय अधिकारी डॉ। एसके गर्ग ने कहा कि पिछले वर्ष 5743 मरीजों की सूचना विभाग को प्राप्त हुई, जबकि अनुमान के अनुसार टीबी के करीब चार हजार मरीज निजी चिकित्सकों से इलाज करा रहे होंगे। उन्होंने सभी चिकित्सकों से अपील की है कि यदि वे टीबी के किसी मरीज का इलाज कर रहे हों तो इसकी सूचना जिला क्षय रोग विभाग को दें ताकि पोर्टल उनकी जानकारी दर्ज हो सके। जिससे उन्मूलन की दिशा में मजबूत कदम बढ़ सके। टीबी रोगियों के लिए 26 दिसम्बर से 9 जनवरी तक अभियान चला था तो 86 नए मरीज सामने आए। इस अभियान में 40 पर्यवेक्षकों के अंतर्गत 200 टीमें बनाई थीं। टीम को संवेदनशील मोहल्लों में घर-घर जाकर संभावित रोगियों को खोजना था।
एक जिला क्षय रोग केंद्र
-19 ग्रामीण क्षेत्र में उपकेंद्र
-4 शहरी क्षेत्र में उपकेंद्र
-बलगम जांच के लिए 46 डीएमसी
-200 डॉट्स प्रोवाइडर और 40 सुपरवाइजर की स्पेशल टीम अभियान में रोगियों को तलाशती है।
टीबी मरीजों की संख्या में कमी लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अभियान के जरिए संवेदनशील एरिया का टीम घर-घर जाकर भी मरीज तलाशे जा रहे हैं, जिससे टीबी के मरीजों को समय पर दवा जांच आदि मिल सके।
डॉ। सुधीर कुमार गर्ग, जिला क्षय रोग अधिकारी