तुर्की में तख्तापलट की कोशिश के विफल होने के दावे के बीच अधिकारियों ने कहा कि तुर्की के बड़े शहरों में रातभर हुई हिंसा में 194 लोगों की मौत हो गई है और 1,154 घायल हुए हैं। हालांकि तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली यिलदीरीम 161 लोगों की मौत होने की पुष्टि की है। उनके मुताबिक अब तक करीब 3000 लोगों को हिरासत में लिया गया है। राष्ट्रपति एर्दोग़ान ने तख्तापलट के प्रयास की निंदा करते हुए कहा कि जिस राष्ट्रपति को 52 प्रतिशत लोग सत्ता में लेकर आए, वही इन चार्ज है।
देश के दौ बड़े शहरों अंकारा और इस्तांबुल में सेना ने सड़कों से लेकर संसद भवन तक पर अपने टैंक और सैनिक तैनात कर दिए थे। तख्ता पलट के लिए सेना द्वारा अचानक शुरू हुई कार्रवाई में पहले तो किसी को कुछ समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है। सेना ने कई जगहों पर पुलिस कर्मियों को निशाना बनाया टैंकों के साथ साथ फाइटर प्लेन और लड़ाकू हेलीकॉप्टर के साथ सेना ने कई जगहों पर गोलाबारी की। जिसमें पुलिसकर्मियों सहित आम लोग भी मारे गए।
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान की ओर से संदेश प्रसारित किए गए कि वो सुरिक्षत हैं और सेना की मनमानी पर नियंत्रण के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होने आम लोगों से अपील कर कहा कि सरकार के समर्थन में सड़कों पर उतरें। इस अपील का असर यह हुआ कि जहां तहां आम लोग और सरकार समर्थक सड़कों पर उतर आए और कई जगहों पर सेना के जवानों पर हमला करके टैंक अपने कब्जे में ले लिए। इस वीडियो में देखें कि कैसे आम लोगों ने तख्तापलट के खिलाफ सेना के जवानों से लोहा लिया।
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