RANCHI: रिम्स हास्टल में जूनियर्स के साथ सोमवार देर रात हुई मारपीट के बाद हास्टल सुपरिटेंडेंट ने तत्काल क्ख् पीजी स्टूडेंट्स को हास्टल नंबर तीन दो दिन में खाली करने का आदेश दे दिया है। यह आदेश जारी किए जाने के साथ ही पीजी स्टूडेंट्स को हास्टल नंबर भ् व म् में शिफ्ट होने को कहा गया है। वहीं, इस मामले में पूछताछ करने पहुंची पुलिस को लौटा दिया गया। बताया गया कि नशे में धुत्त पीजी स्टूडेंट्स ने जूनियर्स के साथ हॉस्टल में मारपीट की थी।

पहले भी की गई थी कंप्लेन

बताते चलें कि तीन नंबर हास्टल में रहने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स ने पहले भी पीजी स्टूडेंट्स द्वारा परेशान किए जाने की कंप्लेन हास्टल सुपरिटेंडेंट्स से की थी। लेकिन, हास्टल सुपरिटेंडेंट ने इस पर ध्यान नहीं दिया। ऐसे में पिछले कई दिनों से चल रहे विवाद ने सोमवार को मारपीट का रूप ले लिया।

हास्टल में नहीं रह रहे वार्डेन

रिम्स कैंपस में सात ब्वायज हास्टल हैं। इनके लिए वार्डेन की भी नियुक्ति की गई है। उनके हास्टल में रहने और खाने की भी व्यवस्था है। इसके बावजूद हास्टल में कोई भी वार्डेन नहीं रह रहे हैं। ऐसे में वार्डेन की गैरमौजूदगी भी हास्टल में स्टूडेंट्स के विवाद का एक कारण है। इस पर हास्टल सुपरिटेंडेंट डॉ। एनपी साहू का कहना है कि जिन प्रोफेसर्स को वार्डेन बनाया गया है, वे क्लास लेंगे या हास्टल में स्टूडेंट्स को देखते रहेंगे।

हॉस्टल में थम नहीं रहा विवाद

रिम्स हास्टल में स्टूडेंट्स के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। फरवरी में सिनर्जी के बाद शुरू हुए विवाद व मारपीट के कारण ही कैंपस में साइन डाई लगा दिया गया था। स्टूडेंट्स के खिलाफ थाने में मामला भी दर्ज कराया गया था। इस घटना के बाद कैंपस में पुलिस पिकेट भी बनाया गया, लेकिन हास्टल में जूनियर-सीनियर्स की लड़ाई रुकने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार को हुई मारपीट में भी वही स्टूडेंट्स शामिल थे, जिनके कारण हास्टल के स्टूडेंट्स को महीने भर बाहर रहना पड़ा था।