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RAXAUL/PATNA : नेपाल के सीमावर्ती पर्सा और बारा जिले में रविवार रात आए तूफान से तबाही मच गई. इसमें अब तक 29 लोगों की मौत होने की खबर है. वहीं, 600 से अधिक लोग घायल हैं. इनमें दर्जनभर अधिक की स्थिति ¨चताजनक है. मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. मरनेवालों में बारा जिले में 24 और पर्सा में एक की पहचान हुई. वहीं तीन भारतीय हैं. इनमें मोतिहारी, सीतामढ़ी व उत्तरप्रदेश के बरेली के लोग भी हैं. घायलों का इलाज बारा और पर्सा जिले के अस्पतालों में जारी है. इस बीच नेपाल के प्रदेश नंबर दो की सरकार के आंतरिक मामलों के राज्य मंत्री व सरकार के प्रवक्ता ज्ञानेंद्र यादव ने कहा कि बारा और पर्सा में मृतकों के आश्रितों को तीन-तीन लाख रुपए आर्थिक सहायता दी जाएगी. राज्य सरकार ने 35 लोगों के मरने बात कही है. वहीं, सूत्रों के अनुसार, मरने वालों की संख्या 50 तक है.

पीएम ओली पहुंचे अस्पताल

नेपाल सरकार ने सभी अस्पतालों को अलर्ट किया है. सेना को तैनात कर दिया गया है. सोमवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अस्पतालों में पहुंच घायलों की जानकारी ली. बारा के डीएम राजेश पौडेल व पर्सा के नारायण प्रसाद भट्टराई ने कहा कि मृतकों में मोतिहारी के राजेश मुखिया, सीतामढ़ी के अवधेश पासवान, बरेली लालगंज ( यूपी) के राधे लाढ़ी शामिल हैं.

कपड़े की झोली में जख्मी

एंबुलेस व वाहनों की कमी को देख कपड़े की झोली बना उसके सहारे घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. नेपाल के गृहमंत्री रामबहादुर थापा, स्वास्थ्यमंत्री उपेंद्र यादव, भौतिक पूर्वाधार मंत्री रघुवीर महासेठ, शहरी विकास मंत्री मो. इश्तयाक राई आदि गांवों में कैंप कर सहायता के कार्य का जायजा ले रहे हैं. सेना, स्थानीय पुलिस व समाजसेवी संगठन भी सक्रिय है.

सैकड़ों घर और पेड़ ध्वस्त

पर्सा एसपी रेवती ढकाल व बारा एसपी सानुराम भटराई ने बताया कि तूफान से करीब 15 करोड़ रुपए से अधिक की क्षति हुई. सर्वाधिक असर बारा जिला कलैया के फेटा, भरवलिया, भलुई आदि गांवों में पड़ा है. वहीं, भारत से नेपाल के वीरगंज कलैया आदि क्षेत्रों में होने वाली विद्युत आपूर्ति के लिए 132 केवी के सैकड़ों पोल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. दर्जनों में गांवों तबाह हो गए हैं. लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं. यात्री बस, मालवाहक ट्रक पलट गए. घर के छप्पर उड़ गए. कई घर ध्वस्त हो गए. एंबुलेस व वाहनों की कमी को देख कपड़े की झोली बना उसके सहारे घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. चिकित्सकों ने इलाज के लिए ब्लड की मांग की. लोग ब्लड डोनेट करने की बात सोशल साइट पर पोस्ट करने लगे.