साहसी भाई की आवाज कर दी बंद

मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लॉ ने टिप्पणी की कि कुछ खास तरह के अपराधों को अंजाम देने वालों को फैलने से नहीं रोका गया तो वे समाज को बर्बाद कर देंगे. दोषियों ने सरेआम उस साहसी भाई की आवाज बंद कर दी, जिसने अपनी बहन की आबरू बचाने के लिए आवाज उठाने की हिम्मत की.

घटना समाज को सदमे में डालने वाली

यह घटना समाज को आक्रोशित व सदमे में डालने वाली थी. ऐसे लोगों को किसी तरह की रियायत नहीं दी जा सकती. घटना दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके की है. 20 जुलाई, 2009 को कांवडिय़े का नाच देखते वक्त सुनील और सुधीर ने सुभाष की बहन पर फब्तियां कसीं. सुभाष ने विरोध किया तो उन्होंने अपने चार दोस्तों की मदद से उसकी हत्या कर दी.

National News inextlive from India News Desk