गुरुवार की दोपहर घर से घूमने के लिए निकले थे दोनों भाई

शुक्रवार सुबह कालोनी के पास पानी के गड्ढे में मिले दोनों के शव

ALLAHABAD: नैनी कोतवाली एरिया में गुरुवार की घर से घूमने निकले दो चचेरे भाइयों की पानी के गड्ढे में डूबने से मौत हो गई। शुक्रवार सुबह दोनों के शव गड्ढे में उतराता देख स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। मामले की सूचना नैनी पुलिस के साथ परिजनों को दी गई। मासूम बच्चों की मौत से इनके घरों में कोहराम मच गया। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

दोपहर में निकले थे

नैनी काशीराम कालोनी के स्व। मिलन के तीन संतानों में आठ वर्षीय निगम इकलौता बेटा था। मोहल्ले में ही इनके रिश्तेदार अजय कुमार रहते हैं। अजय के भी इकलौता बेटा राज था। राज और निगम चेचेरे भाई थे। हमउम्र होने के कारण दोनों में खूब पटती थी। दोनों भाई एरिया में स्थित एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ते थे। गुरुवार की दोपहर निगम निगम ने मां पूजा को बताया कि वह राज के साथ पड़ोस में जा रहा है। कुछ देर में घर लौट आएगा। इसके बाद दोनों घर से एक साथ निकल गए।

नहीं लौटे तो शुरू हुई खोज

देर शाम तक जब दोनों घर वापस नहीं लौटे तो परिवार वालों को दोनों की चिंता सताने लगी। दोनों परिवार बच्चों की खोजबीन में जुट गए। लेकिन देर रात तक दोनों का पता नहीं चला। थकहार का परिवार के लोग थाने गए और दोनों बच्चों के गायब होने की सूचना दी। इसके बाद पुलिस भी छानबीन में जुट गई।

गड्ढे में उतराते मिले दोनों के शव

शुक्रवार की सुबह कालोनी व आस पास के लोग टहलने निकले थे। इस बीच कुछ लोगों की नजर अपार्टमेंट के निकट पानी के एक बड़े गड्ढे पर पड़ी तो वह दंग रह गए। दोनों बच्चों के शव पानी में उतरा रहे थे। शव मिलने की सूचना तत्काल नैनी पुलिस को दी गई। पुलिस को आभास हो गया कि ये गायब हुए बच्चों के शव हैं। पुलिस ने दोनों बच्चों के शवों को निकलवाकर परिजनों को सूचना दी।

बेटों के शव देख मचा कोहराम

निगम और राज के घर वाले मौके पर पहुंचे तो अपने बच्चों के शव देख उनमें कोहराम मच गया। परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे। पुलिस ने उन्हें संभालते हुए शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

अपने घर के थे इकलौते चिराग

बताया जाता है कि राज और निगम ममेरे और फुफेरे भाई थे। दोनों अपने घर के इकलौते चिराग थे। इसलिए परिवार में लाडले थे। दोनों के इस तरह चले जाने से दोनों परिवार सदमे में हैं। निगम की मां पूजा तो रोते-रोते बेसुध हो जा रही थी। पति को पहले ही खो चुकी थी। अब इकलौते बेटे को भी नियति ने उसके आंचल से दूर कर दिया। ऐसा ही माहौल राज के परिवार में था। सबकी आंखें आंसू से भरी थीं।

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