-मेडिकल सुपरिटेंडेंट को मां ने दिया आवेदन, दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की मांग

-1 फरवरी को सिमडेगा हॉस्पिटल में बहलोन टोपनो के बच्चे का हुआ था जन्म

-मल द्वार नहीं होने के कारण दो फरवरी की शाम 4 बजे बच्चे को लेकर रिम्स पहुंची बहलोन टोपनो

RANCHI: क्ख् घंटे रिम्स के पेडियाट्रिक, सर्जरी डिपार्टमेंट, ओपीडी व इमरजेंसी वार्डो का चक्कर लगाती रही, लेकिन किसी डॉक्टर ने इलाज नहीं किया और दो दिन के मेरे बच्चे ने दम तोड़ दिया। यह आरोप सिमडेगा के बासेन गोदटोली की रहने वाली बहलोन टोपनो ने रिम्स के डॉक्टरों पर लगाया है। साथ ही मामले में रिम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट को आवेदन देकर दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की भी मांग की है।

यह है मामला

बहलोन टोपनो की एक फरवरी को सिमडेगा हास्पिटल में नार्मल डिलीवरी हुई थी। बच्चे का मल द्वार नहीं होने के कारण वह उसे लेकर दो फरवरी की शाम चार बजे के करीब रिम्स पहुंची। जहां उसे पेडियाट्रिक वार्ड, सर्जरी डिपार्टमेंट व ओपीडी भेजा गया। वह चक्कर लगाती रही, लेकिन कोई भी सीनियर डॉक्टर उसे देखने नहीं आया। शाम सात बजे एक डॉक्टर ने बच्चे को देखा और दूध पीने की वजह से शरीर में जहर फैलने की बात कही। डॉक्टर ने उसे इमरजेंसी में ले जाने को कहा, लेकिन वहां भी किसी सीनियर डॉक्टर ने बच्चे को नहीं देखा। फ् फरवरी की सुबह में एक सीनियर डॉक्टर ने बच्चे को देखा और उसकी हालत खराब होने की बात कही। लेकिन थोड़ी देर बाद ही बच्चे की मौत हो गई।