मार्च में ही जून जैसे हालात, पिछले साल जून में थी ऐसी गर्मी
पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और क्लाइमेट चेंज सबसे बड़ा कारण
- 5 अपै्रल को 38.9 डिग्री सेल्सियस तापमान का अनुमान
- पिछले साल 1 जून को था 38.8 डिग्री सेल्सियस तापमान
- 2 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने के अभी और आसार
Meerut . इस बार पिछले साल से ज्यादा भीषण गर्मी के लिए आपको तैयार रहना होगा, हालांकि, चिलचिलाती गर्मी ने अभी से ही शहरवासियों को परेशान कर दिया है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बीते साल के मुकाबले इस साल औसतन दो डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने का अनुमान है.
ये है स्थिति
हालात यह हैं कि बीते साल एक जून को 38.8 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया था. जोकि इस साल की पांच अप्रैल को होने का अनुमान है.
ग्लोबल क्लाइमेट चेंज है कारण
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो ग्लोबल क्लाइमेट चेंज के कारण ही मौसम में अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिल रहा है. साथ ही तापमान में भी बेतहाशा वृद्धि दर्ज की जा रही है. वहीं, पश्चिमी विक्षोभ की अधिक सक्रियता के कारण बेमौसम बारिश होने के कारण भीषण सर्दी ने बेहाल करना शुरू कर दिया है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि मई और जून में क्या हालात होंगे.
ये कहते है आंकड़े
साल 2018- अधिकतम- न्यूनतम
28 मार्च - 35.4 - 18.8
29 मार्च - 37.5 18
30 मार्च - 35.4 19
31 मार्च- 35.5 16.8
1 अप्रैल - 31.5 16.8
2 अप्रैल- 32.7 17.1
3 अप्रैल - 34.4 17.4
4 अप्रैल- 35.8 19
5 अप्रैल- 36.5 19.9
(तापमान- डिग्री सेल्सियस में)
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साल 2018- अधिकतम- न्यूनतम
1 जून 38.8 23
15 जून 39.1 32
(तापमान- डिग्री सेल्सियस में)
इस साल
साल-2019 - अधिकतम- न्यूनतम
28 मार्च 32.4 23.1
29 मार्च 34.4 23.3
30 मार्च 36 19
31 मार्च 36 18
1 अप्रैल 34 18
2 अप्रैल 35 20
3 अप्रैल 36 20
4 अप्रैल 38 21
5 अप्रैल 38.8 21
ऐसा ग्लोबल क्लाइमेंट चेंज होने की वजह से हो रहा है, अभी दो डिग्री तापमान और भी बढ़ने के आसार है. अगर ऐसा ही रहा तो आने वाले चार सालों में बहुत भयंकर हालात होंगे, जिसके अनुमान लगाए जा रहे है.
डॉ. एएन सुभाष, मौसम वैज्ञानिक