- डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में 15 दिन पहले हुई थी एक पेशेंट की मौत, छिपाए रहे जिम्मेदार

- मंडे सुबह एक मरीज ने प्राइवेट हॉस्पिटल में तोड़ा दम

बरेली : मलेरिया की रोकथाम के स्वास्थ्य विभाग के दावों के बावजूद मलेरिया का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर मलेरिया पीवी और पीएफ के पेशेंट लगातार सामने आ रहे हैं तो वहीं मलेरिया पीबी के दो पेशेंट की मौत के मामले सामने आने के बाद भी विभाग इसे लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है। आलम यह है कि डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में 15 दिन पहले पेशेंट की मौत का मामला तक अफसर छिपा गए। वहीं मंडे को शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल में एक पेशेंट ने दम तोड़ दिया। लेकिन स्वास्थ्य विभाग मलेरिया से पेशेंट की मौत होने की बात को मानने को तैयार नहीं है। जिम्मेदारों का कहना है कि इन पेशेंट की मौत मलेरिया से न हीं बल्कि किसी दूसरी बीमारी के कारण हुई होगी।

इनकी हुई मलेरिया से मौत

हार्ट वार्ड में ही मलेरिया पीवी के पेशेंट्स के लिए वार्ड बनाया गया है। यहां 31 अगस्त को मनोज नाम के पेशेंट की मौत हो गई थी। स्टाफ की माने तो मनोज पिछले दस दिनों से यहां यहां एडमिट था, 31 अगस्त को उसकी यहां मौत हो गई थी। मनोज का आईपीडी नंबर 19948-21015 से डाटा विभागीय रिकॉर्ड में दर्ज है। जिसमें साफ है कि मनोज ने 31 अगस्त को मलेरिया वार्ड में दम तोड़ा था।

वही शहर के किला क्षेत्र के स्वाले नगर निवासी मुश्ताक पिछले कुछ दिनों से बुखार से ग्रसित थे। एक सप्ताह पहले वह डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल आए तो जांच में उनमें मलेरिया पीवी की पुष्टि हुई थी, यहां कुछ दिन तक भर्ती रहने के बाद हालत बिगड़ने पर परिजन उन्हें शहर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर गए जहां मंडे सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। मुश्ताक की पत्‍‌नी शहनाज ने बताया कि पिछले सप्ताह तेज बुखार आने पर मुश्ताक को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल लेकर आए थे जहां जांच में मलेरिया की पुष्टि हुई थी, यहां उचित देखरेख नहीं हुई जिस कारण तीन दिन पहले उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर

आए थे।

अब तक 4000 पेशेंट मिले

जिले में मलेरिया का प्रकोप लगातार जारी है। अब तक करीब 4000 मरीज मलेरिया की चपेट में आ चुके हैं। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। विभाग के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं।

वर्जन

मामला संज्ञान में नहीं है, पीवी से कम ही मरीज की मौत होती है, मलेरिया के साथ ही मरीज अन्य बीमारी से भी ग्रसित होगा, मामले की जांच कराई जाएगी।

-डॉ। विनीत शुक्ला, सीएमओ।

वर्जन

अगर मरीज पीवी वार्ड में भर्ती था, तो उसमें मलेरिया की पुष्टि होना लाजमी है। लेकिन मलेरिया से मौत हो गई इसकी जानकारी नहीं है। मामले की जानकारी संबंधित स्टाफ ने क्यों नही दी, जबाब तलब कर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। देशराज सिंह, डीएमओ