समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक भारत ने स्वतंत्र पत्रकारों को इस तरह काम करने से रोकने की निंदा की है.

भारत में विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने ज़ोर देते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान दोनों देशों के आपसी रिश्ते में भरोसा कायम करने में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता रहा है.

अचानक उठाए गए एक कदम के तहत मंगलवार की रात को पाकिस्तान में काम कर रहे भारतीय पत्रकारों- पीटीआई के स्नेहेश एलेक्स फिलिप और हिंदू अखबार की मीना मेनन को, बिना कोई कारण बताए निष्कासित कर दिया गया है. इसके बाद उन्हें सात दिनों के भीतर पाकिस्तान छोड़ चले जाने को कहा गया.

दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "ये बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान में दो भारतीय संवाददाताओं को समय से पहले बिना कोई कारण बताए पाकिस्तान से चले जाने को कहा गया. कुछ महीने पहले ही वे वहां गए थे."

उन्होंने आगे कहा, "स्वतंत्र पत्रकारों को काम करने से रोकना एक सही नहीं है."

मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर पाकिस्तान में लगातार बहस होती रही है.

पाकिस्तानः दो भारतीय पत्रकार निष्कासित

कहीं भारतीय पत्रकारों के निष्कासन का संबंध इससे तो नहीं, इस सवाल के जवाब में प्रवक्ता का कहना था, "मीडिया की आज़ादी पर पाकिस्तान में विवाद जारी है और पाकिस्तानी संस्थान इस मुद्दे पर अलग अलग राय रख रहे हैं. आश्चर्य है कि ऐसे माहौल में भारत के ख़िलाफ़ अनगिनत आरोप लगाए गए हैं."

पाकिस्तान के पत्रकार सईद अकबरुद्दीन ने भारतीय पत्रकारों के निष्कासन के मामले में ट्वीट करते हुए कहा है, "अफसोस और दुर्भाग्य की बात है कि पाकिस्तान ने दो भारतीय संवाददाताओं को समय से पहले और अचानक देश छोड़ कर चले जाने को कहा है. "

"मंगलवार की रात 9 बजकर 40 मिनट पर मुझे फोन आया कि आपकी वीजा की समय सीमा समाप्त हो गई है और इसे बढ़ाया नहीं जा सकता. इसलिए आप 20 मई तक भारत वापस चले जाएं."

 - स्नेहेश एलेक्स फिलिप, पाकिस्तान पीटीआई पत्रकार

ट्वीट में आगे कहा गया है कि स्वतंत्र पत्रकारों को काम करने से रोकना निंदनीय है.

वीज़ा की अवधि

इस बीच, बीबीसी से बात करते हुए पाकिस्तान पीटीआई के पत्रकार स्नेहेश एलेक्स फिलिप ने बताया, "मंगलवार की रात 9 बजकर 40 मिनट पर मुझे फोन आया कि आपकी वीज़ा की समय सीमा समाप्त हो गई है और इसे बढ़ाया नहीं जा सकता. इसलिए आप 20 मई तक भारत वापस चले जाएं."

स्नेहेश को मंगलवार की रात को पाकिस्तान छोड़ कर चले जाने से संबंधित पत्र भेज दिया गया. अब वो भारत वापस जाने के लिए अपना सामान समेट रहे हैं.

उन्होंने बताया, "हमें पाकिस्तान आए आए कुछ ही महीने हुए हैं. हम यहां सेटल होने की कोशिश में लगे थे और ये सब हो गया."

उन्होंने आगे बताया कि पत्र में वीज़ा की अवधि नहीं बढ़ाए जाने का कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया.

पाकिस्तानः दो भारतीय पत्रकार निष्कासित

लेटर में बस इतना ही लिखा था, "आपने वीजा एप्लाई किया था कि लेकिन सक्षम प्राधिकारियों के अनुमति ना देने के कारण वीजा की अवधि बढ़ाई नहीं जा रही है."

साथ में लेटर में यह भी लिखा था कि आपको सात दिन का समय दिया जा रहा है जो 20 मई को खत्म होगा.

स्नेहेश बताते हैं कि पाकिस्तान में विदेशी पत्रकारों को बाहर जाने के लिए कहा किया जा रहा है. इससे पहले भी दो विदेशी फोटो पत्रकारों को भी वापस भेज दिया गया है

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