दांदूपुर में दीवार के बाद बारजा ढहा, दबकर मरे दो मासूम

कई बच्चे हुए जख्मीं, स्थानीय लोगों ने बाहर निकाला

ALLAHABAD: शीरिनी शायद उनकी किस्मत में नहीं थी। लेकिन, उन्होंने कोशिश में कोई कमी नहीं की थी। अलग बात है कि इस चक्कर में दो अल्लाह को प्यारे हो गए और कई अस्पताल पहुंच गए। दांदूपुर में शुक्रवार की दोपहर हुई घटना ने अफरा-तफरी का माहौल बन गया। जिसने सुना स्पॉट पर पहुंच गया और मलबे में फंसे लोगों को निकालने में जुट गया। सबको निकालने के बाद नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया। यहां से दोनो मृतकों को हालत गंभीर होने पर इलाज के लिए एसआरएन रिफर कर दिया गया। अस्पताल पहुंचने से पहले ही दोनों ने दम तोड़ दिया। इससे एरिया में शोक की लहर दौड़ गई। सूचना मिलने पर पुलिस व प्रशासनिक अफसर स्पॉट पर पहुंच गए।

मजलिस के बाद हो रहा था वितरण

मोहर्रम के चलते इन दिनों अलम निकालने के साथ मजलिस का दौर चल रहा है। यह आयोजन जिले भर में हो रहा है। शुक्रवार के दिन मजलिस का विशेष महत्व होता है। नैनी से लगे दांदूपुर गांव में शुक्रवार को दिन में करीब 12 बजे मजलिस का प्रोग्राम आयोजित था। इसके बाद गांव के रहने वाले मो। रजा पुत्र एखलाक ने अपने घर के सामने शीरिनी बांटना शुरू कर दिया। इसे लेने के लिए पब्लिक पहुंचने लगी। बड़ी संख्या बच्चों की थी। वक्त के साथ भीड़ बढ़ने लगी तो दबाव बढ़ गया। कुछ लोग मो। रजा के दरवाजे के ऊपर बने बारजे पर चढ़ने की कोशिश करने लगे। इसके लिए उन्होंने नीचे बनी दीवार का सहारा लिया। प्रेशर बढ़ने का नतीजा यह हुआ कि अचानक घर का बारजा ढह गया। इसके मलबे में कई लोग दब गए। इसमें मो। अब्बास 11 पुत्र स्व। रहबर एवं सनी उर्फ शेखर 11 पुत्र अनिल यादव भी शामिल थे। ग्रामीणों के सहयोग से इन दोनों के साथ समीर पुत्र लल्लन, गोलू पुत्र लच्छे, सदाकत पुत्र लल्लू, रहमान, तबरेज पुत्र असफरी, फरहान, लाली पुत्र अमरचन्द्र, अलीना पुत्री तफसीर एवं जान पुत्र नवाब अली को बाहर निकाला।

पोस्टमार्टम कराने से इंकार

गांव में अचानक इतनी बड़ी घटना को देख ग्रामीणों में हड़कम्प मच गया। ग्रामीण पुलिस वालों की मदद से सभी घायलों को लेकर करमा हेल्थ सेंटर दांदूपुर पहुंच गए। बच्चों के परिजन स्पॉट से लेकर अस्पताल तक रोते-बिलखते दिखे। सूचना पर थानाध्यक्ष घूरपुर विजय कुमार ंिसह, क्षेत्राधिकारी करछना बृजनन्दन राय, उपजिलाधिकारी करछना सुरेश कुमार मिश्र एवं एडीएम महेंद्र कुमार राय मौके पर पहुंचे। घटना को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों ने घायलों को एम्बुलेंस एवं निजी वाहनों से हास्पिटल भेजवाया। यहां से गंभीर अवस्था में मो। अब्बास व शनी को एसआरएन रिफर किया गया लेकिन दोनों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। पुलिस ने मो। अब्बास के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया जबकि शनि के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया और बॉडी लेकर चले गए।

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गांव में पसरा मातम

गांव में इस घटना के बाद मातम जैसा माहौल छा गया। मो। अब्बास गांव के ही यूनिटी स्कूल में पांचवीं कक्षा का छात्र था। घटना के बाद उसकी मां सितारा, छोटा भाई महफूज व बड़ी बहन रोशनी का रो रोकर बुरा हाल था। घर के साथ ही साथ पूरे गांव के लोग गमगीन थे। मृतक सनी, अनिल यादव की इकलौती पुत्र संतान था। दो बेटियों के बीच बेटा सबका दुलारा था। उसकी बॉडी घर पहुंचने के बाद रोना पीटना मच गया। मां और बहनों का क्रंदन सुनकर वहां पहुंचने लोग भी सन्नाटे में थे।

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क्या है शीरिनी

शीरे के इस्तेमाल से बनने वाली खाद्य सामग्री को शीरिनी के नाम से जाना जाता है। शीरमाल, शाही टुकड़ा, खुरमा, बूंदी और बताशा आदि को इस श्रेणी में रखा जाता है। यह वह खाद्यान्न होता है जो प्रसाद के तौर पर मजलिस, कुरानखानी आदि के बाद प्रसाद के तौर पर वितरित किया जाता है। दांदूपुर में भी मजलिस के चलते ही इसके वितरण का प्रोग्राम रखा गया था।