-केजीएमयू के सीटीवीएस विभाग में हफ्ते चार दिन ही आपरेशन

-वेटिंग की बात कहकर टरकाए जाते थे मरीज

LUCKNOW: किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के कार्डियोथोरेसिकएंड वस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग में पिछले दो तीन सालों में मरीज इलाज के अभाव में मरते रहे फिर भी हफ्ते में दो दिन ऑपरेशन थिएटर बंद रखा गया। वीसी के आदेश बाद गठित ऑडिट टीम की जांच में यह भी मामला सामने आया है। तत्कालीन विभागाध्यक्ष अपनी सुविधानुसार मंगलवार और शुक्रवार को ओटी रखते थे।

6 करोड़ का ओटी, मरीजों के लिए चार

विभाग के सूत्रों के मुताबिक मरीजों के आपरेशन के लिए विभाग में छह करोड़ की लागत से तीन ऑपरेशन थिएटर बनाए गए। लेकिन इनकी सुविधा मरीजों को सिर्फ चार दिन ही दी जाती रही। मंगलवार और शनिवार को बंद रखा गया। यानी करोड़ों रूपए खर्च करने के बाद मरीजों को इंतजार करने को कह डॉक्टर टरका देते थे। आरोप है कि पूर्व एचओडी की मंगलवार को ओपीडी थी जिसके कारण वह मंगलवार को ऑपरेशन थिएटर बंद रखते थे। यही नहीं चाहते तो शनिवार को ओटी चला सकते थे लेकिन वह भी नहीं चलाई गई। शायद इसी कारण अकेले साल 2014 में ही 15 गरीब मरीजों की समय पर ऑपरेशन न हो पाने के कारण मौत हो गई। ये सब वे मरीज थे जिनका सरकार की ओर से पैसा और आवश्यक सामान नि:शुल्क विभाग को हैंडओवर कर दिया गया था।

तो बचा लेते 300 जानें

डॉक्टर्स की माने तो जिन 18 मरीजों की मौतें पिछले दो तीन सालों में हुई हैं उनके आपरेशन के लिए सिर्फ 6 दिन ऑपरेशन थिएटर चलाने की जरूरत थी। ज्यादा काम की बात कहने वाले डॉक्टर अगर मंगलवार और शनिवार को एक महीने भी ऑपरेशन कर लेते तो इन सबको बचाया जा सकता था। सिर्फ मंगलवार को साल भर ं ओटी चला दें तो लगभग डेढ़ सौ और शनिवार को भी चला दें तो साल में लगभग में लगभग 300 औरमरीजों की जान बचाई जा सकती है। लेकिन केजीएमयू के डॉक्टर्स ने ऐसा नहीं किया। केजीएमयू प्रशासन भी आंख मूंदे बैठा रहा।

मेरे विभागाध्यक्ष रहने के दौरान काफी संख्या में ऑपरेशन हुए हैं। पेशेंट की सेफ्टी और स्टाफ की उपलब्धता पर ही ओटी चलाने का फैसला लिया जाता है।

-डॉ। एसके सिंह, पूर्व एचओडी, सीटीवीएस