बच्चा वार्ड में मौजूद उपकरण

-6 फोटो थैरेपी एनआईसीयू में

- 6 रेडिएंट वार्मर जिसमें एक खराब पड़ा है

- एसएनसीयू में एक मशीन पर दो-दो बच्चों को एडमिट कर किया जा रहा ट्रीटमेंट

- बच्चा वार्ड के एनआईसीयू में धूल फांक रहे उपकरण, आदेश के बावजूद एसएनसीयू में नहीं भेजे गए उपकरण

बरेली : शहर के महाराणा प्रताप जिला संयुक्त चिकित्सालय में मासूमों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। एसएनसीयू में एक ही मशीन पर दो-दो बच्चों का ट्रीटमेंट किया जा रहा है। जबकि महिला अस्पताल में बच्चा वार्ड के एनआईसीयू में कई उपकरण धूल फांक रहे हैं। मामला जिम्मेदारों के संज्ञान में होने के बाद भी सभी आंखें मूंदें हुए हैं। जबकि हाल ही में लापरवाही के चलते पांच दिन की मासूम की जान चली गई थी। इसके बाद भी विभाग के आलाधिकारी नहीं चेत रहे हैं।

हो सकता है इंफेक्शन

एसएनसीयू में बच्चों की हालत गंभीर होने पर एडमिट किया जाता है। एक ही मशीन में दो बच्चों को एक साथ लिटाने से इंफेक्शन हो सकता है। लेकिन इसके बावजूद एक ही मशीन पर दो बच्चों को लिटाया जा रहा है। वहीं गाइडलाइन के अनुसार भी ऐसा करना गलत है।

प्राइवेट का करते रुख

शहर व देहात क्षेत्र के सीएचसी और पीएचसी से रोजाना करीब 10 से 12 नवजात बच्चों को रेफर किया जाता है। लेकिन सुविधा न मिलने पर कई पेरेंट्स प्राइवेट हॉस्पिटल चले जाते हैं। वहीं जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती तो वह यहां पर नवजात को एडमिट करा देते हैं।

डॉक्टरों का भी है कमी

महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ। अलका शर्मा ने एडी हेल्थ के साथ ही शासन से कई बार डॉक्टर के रिक्त पदों को भरने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं, उन्होंने बताया कि एसएनसीयू यूनिट के शुभारंभ के समय जो रेडिएंट वार्मर और फोटो थैरेपी की मशीनें दी गई, परफार्मेस खराब होने पर उनको वापस कर दिया गया। दो माह बाद भी नई मशीने नहीं मिली हैं।

धूल फांक रहे उपकरण

एडी हेल्थ ने बच्चा वार्ड इंचार्ज से एनआईसीयू में क्रियाशील और अक्रियाशील उपकरणों का ब्योरा मांगा था। उन्होंने 15 मई को उपकरणों की सूची दे दी थी। इसके बावजूद यहां के उपकरणों को एसएनसीयू में शिफ्ट नहीं किया गया।

एडमिट करना मजबूरी

एसएनसीयू यूनिट में एक मशीन पर दो-दो बच्चे भर्ती करना मजबूरी है। जबकि यह नियम विरुद्ध है। एडी हेल्थ समेत प्रमुख सचिव तक को मामले से अवगत कराया है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

-डॉ। अलका शर्मा, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल

वर्जन --

एसएनसीयू के शुभारंभ के समय मशीनें पूरी थीं, लेकिन परफार्मेस खराब होने पर वापस कर दी गई। एसएनसीयू बनने से बच्चा वार्ड में बने एनआईसीयू का लोड कम हुआ है। यहां मशीनों का उपयोग कम है। उपकरणों को एसएनसीयू में शिफ्ट कराने के लिए कहा था। अगर ऐसा नहीं किया गया है तो मामला गंभीर है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। विनीत शुक्ल, सीएमओ।