- ट्रैफिक पुलिस लाइंस में चल रही चालान पेमेंट डेस्क को डीसीपी ट्रैफिक ने अपने कार्यालय में किया शिफ्ट

- विधि विज्ञान प्रयोगशाला में चल रहा डीसीपी का दफ्तर भेजा गया पुलिस ऑफिस

- पुलिस ऑफिस में अलॉट हुए दो कमरे, चालान जमा करने का काम चार दिन से ठप

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW : राजधानी में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद लखनऊ ट्रैफिक पुलिस में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा। आलम यह है कि ट्रैफिक पुलिस के जिम्मेदारों के चालान पेमेंट डेस्क शिफ्ट करने के तुगलकी फरमान से चार दिनों से चालान जमा करने की प्रक्रिया ठप है। जिससे आम पब्लिक परेशान हो रही है। लेकिन, इसकी चिंता किसी भी अधिकारी को नहीं है। गौरतलब है कि बीते दिनों डीसीपी ट्रैफिक द्वारा स्मार्ट सिटी के सीईओ के दफ्तर पर कब्जे की कोशिश की घटना से ट्रैफिक पुलिस की जमकर फजीहत हो चुकी है और शासन ने भी इसे लेकर गहरी नाराजगी जताई थी। वहीं, इस नये फरमान से दफ्तरों के चक्कर लगा रही पब्लिक के बीच भी कमिश्नरेट सिस्टम को लेकर खराब मैसेज जा रहा है।

फरमान बना मुसीबत

महानगर स्थित यूपी टेक्निकल सर्विसेज व विधि विज्ञान प्रयोगशाला के सिग्नेचर बिल्डिंग व अन्य भवन में शिफ्ट होने के बाद यह बिल्डिंग खाली हो चुकी है। राजधानी में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद इस बिल्डिंग में ज्वाइंट कमिश्नर मुख्यालय नीलाब्जा चौधरी का दफ्तर बनाया गया। इसके अलावा डीसीपी ट्रैफिक चारू निगम ने भी पांच कमरों में अपना कार्यालय चालू कर दिया। बताया गया कि यह कार्यालय शुरू होने के बाद डीसीपी निगम ने ट्रैफिक पुलिस लाइंस में वर्षो से संचालित हो रही चालान पेमेंट डेस्क समेत तमाम विंग्स को अपने कार्यालय में शिफ्ट करने का फरमान सुना दिया। यही फरमान पब्लिक के लिये मुसीबत का सबब बन गया है।

नये दफ्तर में नहीं है जगह

- अभी चालान पेमेंट डेस्क नये दफ्तर में काम शुरू ही किया था कि इसी बीच डीसीपी ट्रैफिक का दफ्तर विधि विज्ञान प्रयोगशाला बिल्डिंग से डालीगंज स्थित पुलिस ऑफिस शिफ्ट करने का आदेश हो गया।

- पुलिस ऑफिस में डीसीपी ट्रैफिक को दफ्तर के लिये दो कमरे 51 व 52 अलॉट किये गए हैं।

- इसमें एक कमरे में खुद डीसीपी ट्रैफिक बैठेंगी जबकि, दूसरे कमरे में उनके स्टेनो व रीडर।

- ई-चालान प्रभारी डिप्टी एसपी व चालान पेमेंट डेस्क कहां बनेगी, इसका जवाब अब किसी को नहीं सूझ रहा।

-यही वजह है कि चार दिनों से ई-चालान पेमेंट की सेवा ही ठप हो गई है।

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हर रोज एक लाख के राजस्व का नुकसान

सूत्रों के मुताबिक, ट्रैफिक पुलिस लाइंस में हर रोज चालान का औसतन एक लाख रुपये जुर्माना जमा किया जाता था। विधि विज्ञान प्रयोगशाला में चालान पेमेंट डेस्क शिफ्ट होने पर जमा होने वाले जुर्माने की राशि आधी रह गई। वहीं, अब चार दिन से चालान जमा करने की प्रक्रिया ठप होने से हर रोज एक लाख रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं, नियमानुसार चालान के जुर्माने की राशि को ट्रैफिक पुलिस लाइंस में जमा किया जाता है। दूसरी जगह दफ्तर शिफ्ट होने से यह रकम दूसरे कार्यालयों से ट्रैफिक पुलिस लाइंस तक लायी जाती है, जिससे इस रकम की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं।

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फैक्ट फाइल

- 01 लाख रुपये औसतन हर रोज जमा होता था चालान का जुर्माना

- 50 हजार रुपये औसतन घट गई जुर्माना राशि आफिस बदलने से

- 04 दिनों से ठप पड़ा है जुर्माना जमा करने का काम

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