-कारबाईन, पिस्टल और कारतूस सौंपे

PATNA: वैशाली के जिले के दो हार्डकोर नक्सलियों ने सोमवार को पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया.पुलिस मुख्यालय में समर्पण करने वाला नक्सली अमरनाथ सहनी बुचैली गांव, थाना जनदाहा करने वाला है। जबकि राकेश सहनी भी वैशाली जिले मोहम्मदपुर गांव केजनदाहा थाना क्षेत्र का रहने वाला हैं.एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने पत्रकारों को बताया कि अमरनाथ सहनी और राकेश सहनी ने हथियार के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। सरकार की पुनर्वास योजना के तहत मिलने वाले सभी लाभ दोनों नक्सलियों को दिया जाएगा।

अमरनाथ पर दर्जनों केस दर्ज

उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण के समय अमरनाथ सहनी ने एक नाइन एमएम देशी कारबाइन, मैगजिन, 7.62 एमएम का देशी पिस्टल और नाइन एमएम का 14 चक्र कारतूस पुलिस को सौंप दिया। जबकि राकेश सहनी ने एक 7.62 एमएम का देशी पिस्तौल, एक कट्टा और पांच चक्र कारतूस के साथ समर्पण किया.बता दें कि अमरनाथ सहनी प्रतिबंधित वामपंथी उग्रवादी संगठन में जोनल कमांडर रहा है। दोनों नक्सलियों का कई जिलों में दशहत था। पुलिस अमरनाथ और राकेश को कई वर्षो से तलाश रही थी।

अमरनाथ सहनी पर समस्तीपुर और वैशाली दर्जनों केस दर्ज है। इसी तरह राकेश सहनी पर भी वैशाली और समस्तीपुर जिले में कई मामले दर्ज हैं। पुलिस को इन दोनों की काफी वक्त से तलाश थी। पुलिस मुख्यालय ने दोनों नक्सलियों को सरकार की समर्पण योजना का लाभ देने का एलान किया है।

नक्सलियों के लिए समर्पण की नीति

सरेंडर के बाद मिलेगी ये सुविधाएं

वामपंथी उग्रवादियों को समर्पण और पुनर्वासन योजना के तहत सरकार कई सुविधाएं मुहैया कराती है। वामपंथी उग्रवादियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए यह योजना लागू है। इसका उद्देश्य वैसे वामपंथी उग्रवादियों को संगठन से अगल करना था जो खुद को फंसा महसूस कर रहे हैं उन्हें सही दिशा प्रदान करना है। इसके तहत यह भी सुनिश्चित करना कि है आत्मसमर्पण करने के बाद उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए ताकि वे दोबारा नक्सली बनने की नहीं सोचें। योजना के तहत नक्सलियों के कैडर के हिसाब से उनके आत्मसमर्पण करने पर तत्काल सहायता राशि देने का प्रावाधान है। साथ ही सरेंडर के दौरान प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।