रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष के किया शिला पूजन
राम मंदिर निर्माण के लिए रविवार को राजस्थान से पत्थरों की नई खेप अयोध्या पहुंच गई। रामसेवक पुरम में रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास ने इनका शिला पूजन किया। महंत ने उम्मीद जताई कि मंदिर व मस्जिद विवाद का फैसला करते समय अदालत जनभावनाओं का ध्यान रखेगी और जनभावनाएं राम मंदिर के पक्ष में हैं। दो ट्रक पत्थर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि 2007 से राजस्थान से पत्थरों के आने का क्रम रुक गया था, लेकिन वहां भाजपा की सरकार बनने के बाद पत्थरों के आने में आ रहे गतिरोध को दूर कर लिया गया है।

मोदी पर नहीं है दवाब
महंत ने एक प्रश्न के उत्तर में राम मंदिर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव बनाए जाने के प्रयासों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में तो मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने संबंधी बहुमत प्रधानमंत्री के पास है, पर राज्यसभा में नहीं है। न्यास अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री इन दिनों अनेक प्राकृतिक विपदाओं से जूझ रहे देश को संभालने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में हम उनके सामने कोई नई चुनौती नहीं खड़ी करना चाहते। पता चला है कि रामजन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर में दो लाख घन फीट पत्थरों का उपयोग होना है। एक लाख घन फीट से अधिक पत्थरों की तराशी की जा चुकी है। बाकी पत्थरों की तराशी का काम जारी है। रविवार को प्रातः एक ट्रक पर 15 टन पत्थर राजस्थान के भरतपुर से रामसेवक पुरम पहुंचा।

स्ट्रक्चर की छत को दिया गया अंतिम रूप
फिल्हाल रामलला के मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर की छत में तिरपाल लगाए जाने की प्रक्रिया को भी अंतिम रूप दिया गया। इस दौरान निर्मोही अखाड़ा के पंच पुजारी रामदास, हाजी महबूब, बादशाह खां, निर्मोही अखाड़ा के अधिवक्ता रणजीतलाल वर्मा, रामलला के अधिवक्ता मदनमोहन पांडेय, रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री, हिदू महासभा के अधिवक्ता हरिशंकर जैन सहित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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