- 13 लाख से ज्यादा बुक्स कलेक्ट कर यूजीसी ने बनाई डिजिटल लाइब्रेरी
- प्राइमरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट लेवल के स्टूडेंट्स को मिलेगा फायदा
- 40 से ज्यादा मोड में अवलेबल होंगे स्टडी मैटेरियल
GORAKHPUR: इस राइटर की बुक लेकर ही पढ़ाई करनी है, इसी से पेपर तैयार होगा। अगर इसकी बुक नहीं मिली तो एग्जाम की तैयारियों पर ब्रेक लग जाएगा। हर साल ये सवाल स्टूडेंट्स को परेशान करता है। तैयारियों के लिए नेट पर स्पेसिफिक राइटर्स की बुक ढूंढते-ढूंढते स्टूडेंट्स परेशान हो जाते हैं। कुछ कंटेंट तो आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन कुछ को ढूंढने में काफी माथापच्ची करनी पड़ती है। ऐसी कंडीशन में तैयारी के लिए काफी कम वक्त मिलता है और कई बार रिजल्ट भी खराब हो जाता है। मगर अब ऐसा नहीं होगा। यूजीसी ने स्टूडेंट्स की इस परमानेंट प्रॉब्लम के सॉल्युशन के लिए सभी डिजिटल बुक्स को एक ही प्लेटफॉर्म पर मुहैया करा दिया है। स्टूडेंट्स नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएल) सर्वर पर जाकर महज चंद क्लिक पर अपने राइटर्स की बुक आसानी से पा सकते हैं। इससे ना सिर्फ उनकी तैयारियां आसान हो सकेंगी, बल्कि उन्हें स्पेसिफिक राइटर्स की बुक लेने के लिए भटकना भी नहीं पड़ेगा।
13 लाख से ज्यादा बुक्स
नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी पर स्टूडेंट्स को उनके फेवरेट राइटर्स की बुक आसानी से मिल जाएगी। यूजीसी सेक्रेटरी प्रो। जसपाल एस संधू ने एचआरडी मिनिस्ट्री के हवाले से बताया है कि इस प्रोजेक्ट का मकसद डिजिटाइज कंटेंट जो वेब वर्ल्ड में बिखरे पड़े हैं, उन्हें एक ही प्लेटफॉर्म पर मुहैया कराना है। इसमें प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन तक के स्टूडेंट्स से रिलेटेड कंटेंट मौजूद होगा, जिसे कभी भी और कहीं से भी आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा। इस प्लेटफॉर्म पर 13 लाख से ज्यादा बुक्स के स्टॉक अवलेबल हैं, वहीं इसका अपग्रेडेशन लगातार जारी है।
सभी डिजिटल कंटेंट होंगे मौजूद
इस लाइब्रेरी की सबसे खास बात यह है कि इससे स्टूडेंट्स को एक ही विंडो में सभी जगह के ई-कंटेंट आसानी से मिल जाएंगे। मौजूदा वक्त में लोगों को ई-बुक सर्च करने के लिए भी काफी वक्त बर्बाद करना पड़ता है और उन्हें अपनी जरूरत के मुताबिक कंटेंट नहीं मिल पाता। इस प्लेटफॉर्म से उन्हें खास फायदा मिलेगा। इसमें एनडीएल पर सभी इंस्टीट्यूशंस की वेबसाइट पर मौजूद डाटा के खजाने को रखा जाएगा, जिससे इसे एक ही विंडो से आसानी के एक्सेस किया जा सके।
70 लैंग्वेज में मौजूद होंगी किताबें
यूजीसी की ओर से बनाई गई इस डिजिटल लाइब्रेरी में काफी कुछ खास होगा। इसमें ना सिर्फ प्राइमरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक की बुक्स का कलेक्शन होगा, बल्कि इंस्टीट्यूशंस वाइज बुक्स भी मौजूद रहेंगी। इतना ही नहीं इस वन स्टॉप सेंटर पर करीब 70 लैंग्वेज में किताबों का जखीरा मौजूद रहेगा जिसे मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट के थ्रू आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा। वहीं ऑडियो, वीडियो, टेक्स्ट, ग्राफ, इलस्ट्रेशन के साथ ही 40 मोड में स्टडी कंटेंट मौजूद रहेंगे।
हाईलाइट्स -
- प्राइमरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट तक के स्टडी मैटेरियल्स
- 40 तरह के लर्निग रिसोर्स
- 13 लाख से ज्यादा स्टडी कंटेंट
- एक लाख से ज्यादा राइटर्स की बुक्स
- 70 से ज्यादा लैंग्वेज में कंटेंट अवलेबल