भोपाल (आईएएनएस)। Ujjain Crime News : मध्य प्रदेश के उज्जैन में दुष्कर्म की शिकार और खून से लथपथ पाई गई नाबालिग लड़की गुरुवार को खतरे से बाहर है। इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (एमजीएमसी) के डॉक्टरों की एक टीम ने कहा कि उसके प्राइवेट पार्ट्स की सर्जरी की गई। हालांकि उसे ठीक होने में समय लगेगा। पीड़िता को मंगलवार को उज्जैन में प्राथमिक उपचार के बाद इंदौर रेफर किया गया था, जहां एक पुलिसकर्मी ने उसे रक्तदान किया। इस चौंकाने वाली घटना से उज्जैन जिला पुलिस सकते में आ गई है।

पुलिस को अभी तक हाथ नहीं लगा कोई सबूत

लड़की के मिलने के तीन दिन बाद भी पुलिस को पीड़िता और आरोपी की पहचान के बारे में कोई पक्का सबूत नहीं मिला है। पुलिस अभी तक उस स्थान का पता नहीं लगा पाई है जहां पर यह अपराध हुआ था। उज्जैन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सचिन शर्मा ने मीडिया को घटना के बारे में जानकारी देते हुए कहा, शहर के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है। हमने एक संदिग्ध (ऑटो चालक) से पूछताछ की, लेकिन हम अभी तक किसी निर्णायक सबूत तक नहीं पहुंच पाए हैं।

दस्तावेज की वजह से पीड़िता की उम्र की पुष्टि नहीं

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दस्तावेज के अभाव में पीड़िता की उम्र की पुष्टि नहीं हो पाई है। पीड़िता इंदौर कैसे पहुंची और उसके साथ वारदात को किसने अंजाम दिया, यह अब तक पहेली बनी हुई है। हालांकि पीड़िता की भाषा के लहजे से पता चलता है कि वह प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) की हो सकती है, इसका पता लगाने के लिए पुलिस की एक टीम वहां भेजी गई है। कुछ स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चला कि लड़की को सोमवार को दोपहर 3 बजे के आसपास स्कूल ड्रेस में घूमते हुए देखा गया था।

पुलिस टीमों की नजर उस पर कैसे नहीं पड़ी

सवाल यह पूछा जा रहा है कि अगर लड़की रात में सड़क पर घूम रही थी तो रात्रि गश्त कर रही पुलिस टीमों की नजर उस पर कैसे नहीं पड़ी? ऐसे कई सवाल हैं जिनका पुलिस को आने वाले दिनों में जवाब देना है। वहीं उसके माता-पिता कहां हैं और क्या उसकी मां के साथ भी दुष्कर्म हुआ था, जैसा कि पीड़िता ने कथित तौर पर कहा है। पीड़िता को उज्जैन के एक पुजारी ने देखा, जिसने उसे भोजन और कपड़े दिए और पास के पुलिस स्टेशन काे सूचना दी।

वह खून से लथपथ थी बोल भी नहीं पा रही थी

आश्रम के पुजारी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि सुबह लगभग 9 बजे, मैं किसी काम के लिए आश्रम से बाहर जा रहा था, तभी मैंने गेट के पास लहूलुहान और अर्धनग्न लड़की को देखा। वह खून से लथपथ थी बोल भी नहीं पा रही थी। उसकी आंखें सूजी हुई थीं। मैंने 100 नंबर पर कॉल किया। जब मैं हेल्पलाइन पर पुलिस तक नहीं पहुंच सका, तो मैंने महाकाल पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और उन्हें स्थिति के बारे में सूचित किया। पुलिस लगभग 20 मिनट में आश्रम पहुंच गई।

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