RANCHI: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत लोगों को मिले गैस कनेक्शन और चूल्हा घर की शोभा बढ़ा रहे हैं। अब गैस सिलिंडर के बढ़ते दाम और उन्हें दोबारा न भरवा पाने की परेशानी से गरीबों को दो-चार होना पड़ रहा है। उज्ज्वला योजना के तहत कई गरीब परिवारों को गैस सिलिंडर और चूल्हा तो मिल गया है लेकिन सिलिंडर को दोबारा भरवाने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। लिहाजा उन्हें एक बार फि र से लकड़ी पर ही खाना बनाना पड़ रहा है और धुआं झेल रहे हैं।

सिलिंडर भरवाने के पैसे नहीं

कोकर इलाके के वार्ड नंबर दस की रहने वाली झरिया देवी को उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलिंडर और चूल्हा तो मिल गया है, मगर सिलिंडर दोबारा भरवाने के लिए पैसे उसके पास नहीं हैं। झरिया देवी ने खुलकर अपनी व्यथा सुनाई। वह कहती हैं कि सरकार की योजना अच्छी है, गैस सिलिंडर और चूल्हा मिल गया, मगर सिलिंडर खाली होने पर उसे दोबारा भरवाने के लिए आठ सौ रुपए कहां से लाएं। झरिया देवी अकेली ऐसी महिला नहीं है जिसके पास सिलिंडर भराने के पैसे नहीं है। अधिकतर परिवारों का यही हाल है।

चूल्हा-सिलिंबर घर की शोभा बढ़ा रहे

शहर के कई परिवारों के लिए हर महीने आठ सौ रुपए ईंधन पर खर्च करना आसान नहीं है, अगर वास्तव में सरकार चाहती है कि आदिवासी और गरीब महिलाओं की आंखें सुरक्षित रहें, वे स्वस्थ्य रहें तो उसे मुफ्त में गैस सिलिंडर देना होगा, तभी गरीब लोग उसका उपयोग कर पाएंगे, नहीं तो चूल्हा और सिलिंडर सिर्फ घर की शोभा बढ़ाएंगे।

क्या थी योजना

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना हकीकत से बहुत दूर है। इस योजना का उद्देश्य था कि लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाने वाली महिला के शरीर में हर रोज कई सौ सिगरेट के धुएं के बराबर धुआं जाता है। इससे उसके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। महिला स्वस्थ्य रहे, इसलिए उसे चूल्हे के धुएं से दूर रखना होगा, लिहाजा उसे सस्ती दर पर गैस सिलिंडर दिया जा रहा है। इसके बावजूद जो हकीकत है, वो चौंकाने वाली है।

रांची में 1.29 लाख गैस कनेक्शन बंटे

उज्ज्वला योजना के तहत रांची जिले में 1 लाख 29 हजार 517 लोगों को गैस चूल्हा और गैस कनेक्शन दिया गया है। इसमें से 1 लाख 3 हजार 843 घरों में गैस इंस्टॉल भी किया जा चुका है। लेकिन इनमें से अधिकतर लोगों के घरों में एक बार के बाद दोबारा गैस सिलिंडर नही भरवाया गया है।

वर्जन

रांची सहित पूरे झारखंड में करीब 28 लाख लोगों को गैस का कनेक्शन चूल्हा के साथ दिया गया है। जिन लोगों को कनेक्शन मिला है उनको पहला सिलिंडर भर कर दिया गया है। खाली होने के बाद उनको खुद से सिलिंडर भरवाना है। सरकार की अभी ऐसी कोई भी योजना नहीं है कि जिनको कनेक्शन दिया गया है उनके सिलिंडर को भरा जाए।

सुनिल कुमार सिन्हा, निदेशक खाद्य आपूर्ति विभाग, रांची

बहुत सारे लोगों को हमलोगों ने अपने वार्ड में गैस कनेक्शन दिया है। इसमें अधिकतर गरीब लोग हैं जो सिलिंडर नही भरवा पाए हैं। ऐसे में जिन लोगों ने स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ी है उनकी जगह पर इनका फ्री में सिलिंडर भरवाना चाहिए।

अर्जुन प्रसाद यादव, पार्षद, वार्ड नंबर 10

जितने सारे आवेदन हमलोगों को मिले, हमलोगों ने लोगों को भरा हुआ सिलिंडर और चूल्हा दिया है। जब हमलोगों को निर्देश मिलेगा कि सिलिंडर दोबारा भी भरना है तो हमलोग इसका पालन करेंगे।

डॉ रवि भट्ट, ओनर, इंद्रप्रस्थ गैस एजेंसी,

क्या कहते हैं लाभुक

हम दिव्यांग भी हैं, मुझे कनेक्शन भी मिला है। पहली बार सिलिंडर भर कर दिया गया था। अब हमारे पास पैसा नहीं है कि दोबारा से गैस भरा सकें।

आमना खातून

सरकार की यह बहुत अच्छी योजना है, लेकिन हमलोगों के पास इतना पैसा नहीं होता है कि हर महीने एक हजार रुपए का गैस सिलिंडर में भरवा सकें।

रूही परवीन

पहली बार हमलोगों को भरा हुआ गैस सिलिंडर मिला तो पूरे महीने गैस पर ही खाना बनाया। लेकिन अब सिलिंडर खत्म हो गया तो लकड़ी के चूल्हा पर ही खाना बना रहे हैं।

रूपण देवी

सरकार ने जब चूल्हा और गैस कनेक्शन दिया तो हर महीने सिलिंडर भी भरवा कर दे ताकि गैस पर ही खाना बनाएं, हमारे पास हर महीने गैस भराने के पैसे नहीं हो पाते हैं।

लीला हेम्ब्रम

जब फ्री में कनेक्शन मिला तो बहुत खुशी हुई कि अब चूल्हा फूंकने से निजात मिल जाएगा। लेकिन अब सिलिंडर खाली हो गया है, पैसा भी नहीं है।

गुंदरी मुंडा