कराची (पीटीआई)। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने सोमवार को उमर अकमल को तीन साल के लिए हर तरह के खेल से प्रतिबंधित कर दिया। अकमल को यह सजा बोर्ड को भ्रष्टाचार के लिए अप्रोच किए जाने पर सूचना नहीं देने के लिए मिली। पीसीबी ने बल्लेबाज के खिलाफ जांच शुरू करने के विशिष्ट कारणों का खुलासा नहीं किया था, लेकिन इस साल फरवरी में दो असंबंधित घटनाओं में बोर्ड के भ्रष्टाचार विरोधी संहिता के अनुच्छेद 2.4.4 के दो उल्लंघनों के लिए उसे आरोपित किया था।

पीसीबी एंटी करप्शन ने लिया एक्शन

पीसीबी के मीडिया विभाग के आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट में लिखा गया है। इसमें लिखा है, 'अनुशासन पैनल के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) फजल-ए-मीरन चौहान ने उमर अकमल पर सभी क्रिकेट से तीन साल का प्रतिबंध लगाया है।' 29 साल के अकमल लाहौर में नेशनल क्रिकेट अकादमी में पैनल के समक्ष पेश हुए, जिसके बाद पीसीबी एंटी करप्शन द्वारा उन्हें 2020 के पाकिस्तान सुपर लीग में स्पॉट-फिक्सिंग के लिए एक कथित प्रस्ताव की सूचना नहीं देने के लिए जारी किए गए कारण बताओ नोटिस दिया गया था जिसे बल्लेबाज ने चुनौती नहीं दी। इसके बाद मामले को अनुशासनात्मक पैनल में स्थानांतरित कर दिया गया था।

पाकिस्तान के लिए खेले काफी मैच

अकमल ने आखिरी बार 2009 के अंत में पाकिस्तान के लिए एक टेस्ट खेला था लेकिन उनका आखिरी इंटरनेशनल मैच श्रीलंका के खिलाफ टी 20 घरेलू श्रृंखला में था, जो पिछले साल अक्टूबर में खेली गई थी। पीसीबी ने कहा कि वह न्यायमूर्ति चौहान से कागज प्राप्त करके के बाद ही अधिक जानकारी दे सकेगा। नेशनल क्रिकेट अकादमी में चली इस सुनवाई में, अकमल खुद केस लड़ रहे थे जबकि पीसीबी का प्रतिनिधित्व तफजुल रिजवी ने किया था।

ऐसे खिलाडिय़ों को मिलना चाहिए सबक

अकमल पर 17 मार्च को दो घटनाओं में पीसीबी भ्रष्टाचार निरोधक संहिता के अनुच्छेद 2.4.4 के दो उल्लंघनों के आरोप लगाए गए थे। पीसीबी के निदेशक (भ्रष्टाचार-निरोधक और सुरक्षा) आसिफ महमूद ने कहा, 'पीसीबी उमर अकमल जैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर पर बैन लगने से खुश नहीं है मगर यह उनके लिए अच्छा सबक है, जो सोचते हैं कि एंटी करप्शन कोड का उल्लंघन करेंगे और बच जाएंगे। उनके लिए ये उदाहरण है।'

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