ओस्लो (राॅयटर्स)। रोम स्थित संगठन ने कहा कि वह प्रत्येक वर्ष करीब 88 देशों में 97 मिलियन लोगों की मदद करती है। संगठन ने कहा कि दुनिया के हर 9 में से 1 व्यक्ति के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है। नॉर्वेजियन नोबेल समिति की अध्यक्ष बेरीट रीस एंडर्सन ने एक न्यूज कांफ्रेंस में कहा, 'आज पहले से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता और विभिन्न स्तरों पर सहयोग की जरूरत है।'

कोरोना वायरस महामारी से दुनिया में भूखों की संख्या बढ़ी

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएफपी युद्ध और हिंसा प्रभावित इलाकों में भूखे लोगों की मदद करने वाली प्रमुख संस्था रही है। कोविड-19 महामारी के दौरान इस संस्था की उपयोगिता और ज्यादा बढ़ गई है। नोबेल कमेटी ने अपने साइटेशन में कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया में भूखे लोगों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दी है।

महामारी से लड़ने के लिए भोजन ही सबसे बढ़िया वैक्सीन

नोबेल समिति ने कहा कि जब तक दुनिया में वैक्सीन नहीं आ जाती, इस महामारी से लड़ने के लिए भोजन ही सबसे बढ़िया वैक्सीन है... डब्ल्यूएफपी के लिए अभी काफी काम है... साल भर में 265 मिलियन भूखे लोग होंगे, इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को डब्ल्यूएफपी के लिए दिल खोल कर फंड देना होगा। डब्ल्यूएफपी ने कहा कि यह उसके लिए गर्व की बात है... यह किसी करतब से कम नहीं है। नोबेल प्राइज में करीब 1.1 मिलियन डाॅलर मिलता है, जो ओस्लो में 10 दिसंबर को दिया जाएगा।

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