सेना की ऐसी घिनौनी हरकत
संयुक्त राष्ट्र ने रिपोर्ट में बताया कि, सेना आम लोगों की हत्याएं और बलात्कार करती है जो युद्ध के बराबर है। वहीं दक्षिणी सूडान की सरकार ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि अभी मामले की जांच की जा रही है। नतीजे आने पर ही आगे कार्रवाई की जा सकेगी। राष्ट्रपति सल्वा कीर के प्रवक्ता एटेनी वे ने बताया कि हम नियमों के अनुसार काम करते हैं।

जो कर सकते हो करो

रिपोर्ट की मानें तो इन लड़ाकों को खुली छूट दी जाती है। ये सैनिक 'जो कर सकते हो करो, जो ले जा सकते हो ले जाओ' समझौत के तहत काम करते हैं। और यही समझौता उन्हें वेतन के बदले महिलाओं और लड़कियों को साथ ले जाने और उनका बलात्कार करने की इजाजत देता है। रिपोर्ट का यहां तक कहना है कि, ये सैनिक आम लोगों के मवेशी और निजी संपत्ति पर भी कब्जा कर लेते हैं। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयुक्त जैद राद अल हुसैन ने बताया कि, दक्षिणी सूडान में जितने बड़े पैमाने पर यौन हिंसा होती है वो दुनिया के सबसे जघन्य मानवाधिकारों के हनन में शामिल है। एक महिला ने बताया कि उसकी आंखों के सामने पति को मौत के घाट उतार दिया गया और फिर उनकी 15 साल की बेटी के साथ 10 सैनिकों ने बलात्कार किया।

गृह युद्ध के हालात
दक्षिणी सूडान में दिसंबर 2013 में गृह युद्ध शुरू हुआ जब राष्ट्रपति कीर ने अपने उपराष्ट्रपति रीक माशर को पद से हटा दिया था और उन पर तख्तापलट की कोशिशें करने का आरोप लगाया। माशर ने इन आरोपों से इंकार किया लेकिन तभी से उन्होंने सरकार से लड़ने के लिए एक विद्रोही सेना बना ली। तब से दोनों गुटों के संघर्ष में दसियों हजार लोग मारे गए हैं और बीस लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं।

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