GORAKHPUR: शनिवार को सूबा बाजार काली मंदिर के पास अर्धनिर्मित नाले का एक हिस्सा गिर गया। सूचना पर पहुंचे एसडीएम सदर ने नाले का निरीक्षण किया। मोहद्दीपुर से तुर्रा नाले तक 6 किमी लम्बे इस नाले के निर्माण का बजट 16 करोड़ रुपए है। स्थानीय पार्षद ने नाला गिरने के लिए भ्रष्टाचार को बड़ा कारण बताते हुए जांच की मांग की है।

16.4 करोड़ की लागत से बनने वाले छह किलोमीटर लंबे नाले का निर्माण मार्च 2016 में ही पूरा हो जाना था। नाले की डिजाइन को लेकर आपत्ति होने के कारण तय समय से 2 साल बाद भी काम नहीं पूरा हो सका है। वहीं नाला ढहने के बाद कार्यदायी संस्था सीएनडीएस आनन-फानन में नाले की दीवार को ठीक कराने में जुट गई है।

विधायक ने जताई थी आपत्ति

सिंघडि़या क्षेत्र में हर बारिश में लगने वाली पानी की समस्या से निपटने के लिए शासन स्तर पर छह किमी लंबा नाला बनाने की स्वीकृति दिसंबर 2013 में मिली थी। जनवरी 2014 में पहली किस्त के तौर पर 6.42 करोड़ रुपए भी जारी कर दिया गया। नाला निर्माण के काम को पूरा करने की तिथि मार्च 2016 तय किया गया था। नाला का निर्माण शुरू हुआ तभी नगर विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने नाले की डिजाइन को लेकर आपत्ति जताई। जांच के फेर में दो वर्ष तक निर्माण कार्य रुका रहा। उच्च स्तरीय जांच के बाद अक्टूबर 2016 में डिजाइन सही पाया गया। नवंबर एवं दिसंबर में 3.42 करोड़ की दो किस्तें जारी की गई। इस बीच विधानसभा चुनाव के लिए अचार संहिता लागू हो गया। चुनाव के बाद नई सरकार ने फिर से जांच कराया और दिसंबर 17 से नाला निर्माण का कार्य दोबारा शुरू हुआ।

वर्जन-

नाले की दीवार बारिश से नहीं बल्कि गाड़ी के टकराने से ध्वस्त हुई है। निर्माण कार्य गुणवत्ता युक्त हो रहा है, कई बार गुणवत्ता की जांच कराई जा चुकी है। नाले की क्षतिग्रस्त दीवार को ठीक करा दिया गया है।

हनुमान त्रिपाठी, प्रोजेक्ट मैनेजर, सीएनडीएस