जयपुर (एएनआई)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए राजस्थान की राजनीतिक संकट पर टिप्पणी के लिए बसपा प्रमुख मायावती पर भी हमला किया और साथ ही आरोप लगाया कि भाजपा राज्य में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को गिराने की साजिश कर रही है। गहलोत ने कहा कि वह चाहते हैं कि बागी विधायक अगले महीने विधानसभा सत्र में भाग लें। इसके साथ ही पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का समर्थन करने वाले विधायकों पर भी कटाक्ष किया और कहा कि वे इस समय भाजपा की गोद में खेल रहे हैं।मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा मैं अब भी चाहता हूं कि जो असंतुष्ट विधायक हैं, वे विधानसभा सत्र में भाग लें, क्योंकि वे कांग्रेस के सिंबल पर चुने गए हैं। यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है कि वे जनता के सामने सरकार के साथ खड़े दिखाई दें।

यह खेल भाजपा के नेतृत्व में खेला जा रहा है

दुर्भाग्य से हमारे सहयोगी जो हरियाणा में रह रहे हैं वे यहां आने के इच्छुक नहीं हैं। वे हरियाणा पुलिस के प्रतिबंध के अधीन हैं। वहीं वे दावा करते हैं कि कांग्रेस के सदस्य हैं, वे कैसे कह सकते हैं कि वे कांग्रेस के सदस्य हैं। मैं इसे समझने में असमर्थ हूं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार के खिलाफ उनकी कोई किरकिरी है, तो वे दिल्ली के 24 अकबर रोड स्थित AICC मुख्यालय में हो सकते हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर सरकार को अस्थिर करने के लिए एक साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा, यह खेल भाजपा के नेतृत्व में खेला जा रहा है। किसी भी कांग्रेसी नेता का नाम लिए बिना गहलोत ने कहा हर कोई उनके इरादे जानता है। वे कह रहे हैं कि वे बीजेपी के साथ नहीं जा रहे हैं, अगर आप बीजेपी के साथ नहीं जा रहे हैं, तो आप अपनी पार्टी तीसरे मोर्चे के साथ जा रहे हैं।

मायावती भाजपा के दबाव में बयान दे रही हैं

इसका मतलब है कि आप स्वेच्छा से कांग्रेस छोड़ रहे हैं। ये नेता दिल्ली जाते थे और पूछने पर झूठ बोला था। हम उन सभी को बेनकाब करेंगे उन्होंने कहा। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि हॉर्स-ट्रेडिंग के लिए राशि 35 लाख रुपये से बढ़कर 50 लाख हो गई है। उन्होंने कहा, हर कोई जानता है कि हॉर्स-ट्रेडिंग हुई है लेकिन इससे हम पर कोई असर नहीं पड़ेगा और हम अपना पूरा कार्यकाल पूरा करेंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि वह खुश हैं कि राज्यपाल ने विधानसभा को बुलाने के उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। गहलोत ने आरोप लगाया कि मायावती भाजपा के दबाव में टिप्पणी कर रही हैं। मायावती की शिकायत तर्कसंगत नहीं है क्योंकि बसपा के सभी छह विधायक हमारे साथ विलय कर चुके हैं। केंद्र ईडी, आयकर, सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है इसलिए वह इस तरह का बयान देने के लिए मजबूर है।

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