Union Budget 2020: इस बार के बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोई सेक्टर नहीं छोड़ा। उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर और कृषि में निवेश की घोषणाएं की हैं। साथ ही आय के नए तरीके भी खोजने का प्रयास किया है। मध्य वर्ग और ग्रामीण उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति बढ़ाने के नए तरीके खोजे गए हैं ताकि वे खर्च करें और उपभोक्ता वस्तुओं का मांग बढ़े। करदाताओं और कंपनियों को परेशान न किया जाए। इसके लिए कंपनी कानून में बदलाव होगा।

सरकार ने धनार्जन को उचित मानते हुए कारोबारियों को संतुष्ट करने की कोशिश की है। खर्च बढ़ाने के बावजूद सरकार ने अगले वित्तवर्ष में राजस्व घाटे को जीडीपी के 3.8 फीसदी तक रखने का वादा किया है। यह वादा पूरा होगा या नहीं यह अगले साल ही पता लगेगा। वित्तमंत्री ने जो बड़ी घोषणाएं की हैं उनमें जीवन बीमा निगम और रेलवे के आंशिक निजीकरण से जुड़े फैसले हैं। आयकर और कंपनी कर ढांचे में व्यापक सुधार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की घोषणा की गई है। जीएसटी के और सरलीकरण का वादा है। सूक्ष्म, लघु और मंझले उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पांच करोड़ तक के कारोबारियों को लेखा परीक्षा से छूट देने की घोषणा की है। वित्तमंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए भी कई तरह की घोषणाएं की हैं। इसके तहत जिन 16 एक्शन प्वाइंट्स का ऐलान किया है, उनमें 15 लाख करोड़ के कृषि ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास पर सरकार ने 2.83 लाख करोड़ खर्च करने का फैसला किया है। सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने भरोसे पर कायम है। नागरिक उड्डयन में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रूटों पर 'कृषि उड़ान' सेवा की शुरुआत करने का भी प्रस्ताव है जिसका उद्देश्य खेती में नवाचार को प्रोत्साहन देना है।

ऐसा ही प्रयास 'किसान रेल' का है जिसमें रेफ्रिजरेटेड कोच होंगे ताकि जल्द खराब होने वाले उत्पाद समय से बाजार में पहुंच जाएं। चुनिंदा मेल एक्सप्रेस और मालगाडियों के जरिये जल्द खराब होने वाले सामान की ढुलाई के लिए रेफ्रिजरेटेड पार्सल वैन का भी प्रस्ताव है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के तहत सोलर पंप लगाने में सहायता दी जाएगी। योजना के तहत किसान अपनी बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा की इकाई स्थापित कर पाएंगे। पानी की किल्लत से जूझ रहे 100 जिलों के लिए व्यापक उपाय प्रस्तावित किए गए हैं। सरकार ने अगले साल दुग्ध उत्पादन को 10.8 करोड़ टन तक लाने का विश्वास व्यक्त किया है।

पिछली दो तिमाहियों में जीडीपी के आंकड़ों में तेजी लगातार देखी गई है। इस बजट में अगले साल जीडीपी की निवल (नॉमिनल) संवृद्धि 10 फीसदी होने का अनुमान है। आर्थिक समीक्षा में सकल संवृद्धि 6 से 6.5 फीसदी होने का अनुमान बताया गया है। सरकार ने मध्य वर्ग को खुश करने का पूरा प्रयास किया है। बैंक जमा पर बीमा संरक्षण 5 लाख रुपये कर दिया गया है। वर्तमान में बैंक डूबने की स्थिति में ग्राहक को अधिकतम एक लाख रुपये का बीमा दिया जाता है। आयकर ढांचे में भी बदलाव है और नए स्लैब बना दिए हैं। नए स्लैब के तहत टैक्स का भुगतान वही करदाता कर सकेंगे जो पहले के नियमों के तहत मिलने वाली छूट और कटौतियों को छोड़ देंगे। स्वास्थ्य सेवाओं पर 69,000 करोड़ रुपये और शिक्षा तथा प्रशिक्षण पर 99,300 करोड़ के व्यय की घोषणाएं भी मध्य वर्ग को आकर्षित करती हैं। भारतीय शिक्षा संस्थानों में विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए इंडसैट योजना शुरू करने की पेशकश भी की गई है। डिजिटल इंडिया और कौशल विकास कार्यक्रमों को इस साल और बढ़ावा देने का इरादा है।

-प्रमोद जोशी