नई दिल्ली (पीटीआई/आईएएनएस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को 2023-24 के केंद्रीय बजट में घोषणा की कि सरकार 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए एक मिशन शुरू करेगी। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि 2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ उसी स्‍थान में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। लोकसभा में बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा, "2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए एक मिशन शुरू किया जाएगा। यह जागरूकता निर्माण, प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में 0-40 वर्ष की आयु के सात करोड़ लोगों की सार्वभौमिक जांच और केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से परामर्श प्रदान करेगा।'

निजी क्षेत्र के अनुसंधान
वित्त मंत्री ने कहा कि सहयोगी अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए सार्वजनिक और निजी मेडिकल कॉलेज संकाय सदस्यों और निजी क्षेत्र के अनुसंधान और विकास टीमों द्वारा अनुसंधान के लिए चुनिंदा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) प्रयोगशालाओं में सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना का बजट बढ़ा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) का खर्च 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये करने की घोषणा की। इस योजना में ग्रामीण और शहरी गरीबों को घर उपलब्ध कराने की परिकल्पना की गई है। इसके परिव्यय में भारी वृद्धि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए महत्व रखती है कि यह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए सरकार का अंतिम उचित बजट है। साथ ही इस साल नौ राज्यों में चुनाव होने हैं।

शहरी बुनियादी ढांचा पर फोकस
इस बीच, पेश करते हुए अपने भाषण में 2023-24 के केंद्रीय बजट में, सीतारमण ने आगे कहा कि पूंजी निवेश परिव्यय तीसरे वर्ष के लिए 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत होगा। उन्होंने आगे बताया कि एक शहरी बुनियादी ढांचा विकास फंड का प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) द्वारा किया जाएगा और इसका उपयोग सार्वजनिक एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। सीतारमण ने अपने भाषण के दौरान बताया, "हम शहरी बुनियादी ढांचा विकास कोष के लिए प्रति वर्ष 10,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की उम्मीद करते हैं।"

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