जितनी महंगी उतना कम होगा इस्तेमाल

सेंट्रल हेलथ मिनिस्टर डॉ. हर्षवर्धन ने सिगरेट और बीडी के इस्तेमाल को कम करने का पूरा मन बना लिया है. हेलथ मिनिस्टर ने हर सिगरेट के दाम में 3.5 रुपये बढ़ाने की मांग की है. यही नहीं हर्षवर्धन ने बीड़ी-सिगरेट इंडस्ट्रीज को मिल रही छूट को भी खत्म करने की मांग की है. हेल्थ मिनिस्ट ने फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली को लेटर लिखा है और 2014-15 के बजट में वित्त मंत्रालय से सिगरेट की नई कीमतें लागू करने की मांग की है. उनके अनुसार सिगरेट जितनी महंगी होगी उतना ही इसका इस्तेमाल कम होगा.

बढ़ी स्मोकर्स की संख्या

भारत में स्मोकर्स की बात करें तो इनकी संख्या तेजी से बढ़ती नजर आ रही. पिछले दस सालों में देश में स्मोकिंग करने वाले पुरुषों की संख्या 8.3 करोड़ से बढ़कर 10.5 करोड़ हो गई है. वहीं देश में पिछले कुछ सालों में सिगरेट की खपत भी काफी तेजी से बढ़ी है. सेंट्रल गवर्नमेंट के रिकॉर्ड्स के अनुसार साल 2010-11 में जहां 11,148 करोड़ सिगरेट की बिक्री हुई, वहीं साल 2011-12 में ये संख्या बढ़कर 11,614 करोड़ पहुंच गई.

सिग्रेट का रेवन्यू लाएगा बदलाव

भारत में कुल जीडीपी का सिर्फ 4.2 परसेंट हिस्सा ही हेल्थ सेक्टर पर खर्च होता है. जिसमें से गवर्नमेंट सिर्फ 30 परसेंट ही खर्च करती है बाकी खर्च प्राइवेट सेक्टर का होता है. वहीं भारत के कंपेरिजन में अमेरिका टोटल जीडीपी का 17 परसेंट हेल्थ सेक्टर पर खर्च करता है. क्यूबा जैसें छोटे देश में इलाज का 95 परसेंट खर्च गवर्नमेंट वहन करती है. हेल्थ फैसीलिटीज के मामलें में क्यूबा भारत से कहीं अच्छा. क्यूबा में प्रति 10 हजार आबादी पर 67 डॉक्टर उपलब्ध हैं, जबकि भारत में ये रेशियो 10 हजार के मुकाबले सिर्फ छह है. सिगरेट से मिलने वाले रेवन्यू को हेल्थ सेक्टर में इस्तेमाल करने पर हेल्थकेयर की सुविधाओं में काफी बदलाव आ सकता है.

क्या होगा फायदा

सिगरेट के दाम पर 3.50 रुपये की बढ़ोतरी की मांग करने वाले डॉ. हर्षवर्धन बताते हैं कि सिगरेट की कीमतों में प्रति सिगरेट 3.50 रुपये बढ़ने पर गवर्नमेंट के पास 3800 करोड़ रुपये का रेवन्यू जनरेट होगा. वहीं 12वें फाइव इयर प्लॉन की रिपोर्ट के मुताबिक गवर्नमेंट हेल्थ सेक्टर में प्रति व्यक्ति 2340 रुपये खर्च करती है. सिगरेट के दाम बढ़ने से जो रेवन्यू जनरेट होगा अगर उसका इस्तेमाल हेल्थ सेक्टर में किया जाए तो इस पैसे से लगभग 1.6 करोड़ लोगों का मुफ्त में इलाज किया जा सकता है.

National News inextlive from India News Desk