* केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिए संकेत
* संपर्क फॉर समर्थन अभियान के तहत बुद्धिजीवियों से की बात
 * कहा, धर्म और जाति के नाम पर वोट देना बंद करे देश की जनता

पत्र में बॉयर्स के हितों का पूरा ध्यान रखने की बात कही गयी

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LUCKNOW : केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सरकार ने बिल्डरों को काफी मोहलत दे दी है, अब बारी 'रेरा' को पूरी तरह क्रियाशील  बनाकर सख्ती करने की है। मैंने इस बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्य सचिव और खासकर नोएडा अथॉरिटी को पत्र लिखा है जिसमें बॉयर्स के हितों का पूरा ध्यान रखने की बात कही गयी है। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इसे प्रभावी तरीके से लागू करे। वहीं हम कुछ राज्यों में आई कठिनाईयों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। जल्द ही रेरा के जरिए हम रियल एस्टेट के क्षेत्र में होने वाली गड़बडिय़ों पर सख्त कार्रवाई करेंगे। वे रविवार को भाजपा के संपर्क फॉर समर्थन अभियान के तहत शहर के बुद्धिजीवियों से चर्चा कर रहे थे जिनमें कई रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस, जज, शिक्षाविद, डॉक्टर, कारोबारी आदि शामिल थे।

जाति और धर्म के नाम पर वोट न दें देश के लिए अच्छा नहीं
पुरी ने कहा कि आमतौर पर लोग जाति और धर्म के नाम पर वोट देते हैं जो  देश के लिए अच्छा नहीं है। इससे विकास की गति रुकती है। मोदी सरकार की दस साल की यूपीए सरकार से तुलना करते हुए कहा कि अगर कहीं पर बदलाव आया है तो वह विचारों का है। अब सरकार कहने के साथ करने में ज्यादा भरोसा करती है। नोटबंदी के बाद हमें काफी कुछ सुनना पड़ा पर कहीं से शुरुआत तो हुई। यह पता तो लगा कि किसके पास कितना पैसा है। गलतियां हमसे भी होती हैं पर हम में उन्हें सुधारने की इच्छाशक्ति भी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए बोले कि वह जनोपयोगी सुविधाओं को मुफ्त करना चाहते हैं पर उसके निर्माण के लिए जो कर्ज लिया गया है, उसे कैसे चुकाया  जाएगा। पहली बार देश में ऐसा हो रहा है प्रधानमंत्री खुद केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों से सीधे बात कर रहे हैं। बोले कि मैं यूपी से राज्यसभा सांसद हूं, लिहाजा मेरी ड्यूटी है कि मैं महीने में एक-दो बार यहां आकर आपसे बात करूं।

क्रिमिनल जस्टिस रिफॉर्म पर भी खासा काम होना बाकी

पुरी ने स्वीकारा कि आज भी सरकारी नियम यूजर फ्रेंडली नहीं हैं इसीलिए करप्शन को बढ़ावा मिलता है। इंजीनियरों के पास सैंकड़ों करोड़ रुपये मिलते हैं। दरअसल  यह क्रिमिनल निगलिजेंस है। इसी तरह क्रिमिनल जस्टिस रिफॉर्म पर भी खासा काम होना बाकी है। यह कमी हर विभाग में सामने आ रही है। हम हर तरह की बिल्डिंग परमीशन को अब ऑनलाइन करने जा रहे हैं। लीज रिनीवल ऑटोमैटिक होनी चाहिए। यदि विभाग कोई जवाब न दे तो यह मान लिया जाएगा कि उसे कोई आपत्ति नहीं है और रिनीवल मंजूर हो जाएगा। कहा कि नतीजे मिलना जनता का अधिकार है। वहीं स्वच्छता अभियान पर बोले कि इसके लिए लोगों की मानसिकता में भी बदलाव जरूरी है। तामिलनाडु ने इसमें अच्छा उदाहरण पेश किया है तो महाराष्ट्र में लोग बेटियों का नाम स्वच्छता रख रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सुधीर एस. हलवासिया ने किया।

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