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आंबेडकर विवि में बीएड फर्जीवाड़े के बाद कॉपियों में नंबर बढ़ाने का मामला पकड़ में आया है। आरटीआइ के तहत कॉपी निकलवाकर कई फेल छात्रों को पास किया जा रहा था। इतना ही नहीं कई छात्र-छात्राओं के नंबर भी बढ़ाए गए। क्रॉस चेकिंग में यह मामला पकड़ में आया। इस मामले में स्ट्रांग रूम में तैनात वरिष्ठ लिपिक रियाजुद्दीन को निलंबित कर दिया गया है।

छात्रों को पास कराने का खेल
आंबेडकर विवि में पिछले सत्र में फेल हुए छात्रों को पास कराने का खेल चल रहा है। इसके लिए सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) का सहारा लिया। विवि के परीक्षा विभाग के स्ट्रांग रूम में तैनात लिपिक रियाजुद्दीन पर एमएससी फाइनल बॉटनी की उत्तर पुस्तिका में तीन नंबर बढ़ाने का आरोप है। क्रॉस चेकिंग में नंबर बढ़ाने का खेल सामने आया। कुलसचिव केएन सिंह ने बताया कि आरटीआई के तहत कॉपी मांगने वाले कई छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक से टोटल में नंबर ज्यादा होने की बात कही थी। परीक्षा नियंत्रक ने छात्रों को कुलपति के पास भेज दिया। कुलपति ने छात्रों की मूल उत्तर पुस्तिका मंगवाकर स्कैन कॉपी से क्रॉस चेक कराया तो मूल उत्तर पुस्तिका में तीन नंबर बढ़ हुए मिले। एजेंसी से पता कराया गया कि मूल उत्तर पुस्तिका कौन लेकर आया था तो इसमें लिपिक रियाजुद्दीन का नाम सामने आया। प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए वरिष्ठ लिपिक को निलंबित कर दिया गया है।

यह है कॉपी देने का सिस्टम
आरटीआई के तहत आवेदन पर विवि छात्रों को ऑनलाइन उत्तर पुस्तिका की स्कैन कॉपी भेजता है। किसी के नंबर में गलती होती है तो वह प्रार्थना पत्र देता है। इसके बाद मिलान के लिए मूल उत्तर पुस्तिका एजेंसी से मंगाई जाती है। एजेंसी से उत्तर पुस्तिका लाने में ही नंबर बढ़ाने का खेल किया जा रहा था।

आरटीआई के तहत छात्रों को दीं तीन हजार कॉपियां
आरटीआइ के तहत तीन हजार से ज्यादा कॉपियां छात्रों को दी गई हैं। जिन छात्रों के नंबर बढ़े हैं, अब एक बार फिर उनकी जांच कराई जाएंगी। इसके लिए एक कमेटी गठित की जा रही है। इस खेल में और कौन शामिल है, इसका भी पता लगाया जाएगा।