- गोरखपुर यूनिवर्सिटी के हॉस्टलर्स ने शुरू की कवायद

- फाइनल इयर के स्टूडेंट्स डोनेट करेंगे बुक, कॉमन हॉल में पार्टीशन कर बनाएंगे लाइब्रेरी

GORAKHPUR: एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की जान उनकी लाइब्रेरी होती है। शहर के ज्यादातर स्कूल और कॉलेजेज में यह सुविधा मौजूद है। मगर जहां स्टूडेंट्स रहते हैं, पढ़ाई करते हैं, उन हॉस्टल में सिवाए उनके पास मौजूद बुक्स के कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है। मगर अब जल्द ही गोरखपुर यूनिवर्सिटी का हॉस्टल गुलजार होगा। यहां हॉस्टल में हर वक्त किताबें मिलेंगी और स्टूडेंट्स को एग्जामिनेशन के दौर में पढ़ने के लिए इधर-उधर भटकना भी नहीं पड़ेगा। हॉस्टल के सीनियर्स अपने जूनियर्स के लिए किताबों की व्यवस्था करेंगे और एक मिनी लाइब्रेरी भी तैयार होगी। इसके लिए कवायद शुरू हो चुकी है।

एनसी हॉस्टल के बच्चों की पहल

हॉस्टलर्स की इस पहल के बारे में बात करें तो फाइनल इयर के बाद यहां के स्टूडेंट्स अपने जूनियर के लिए बुक डोनेट करेंगे। इसके लिए यूनिवर्सिटी के एनसी हॉस्टल के बच्चों ने पहल की है। पहले हॉस्टल में बने कॉमन हॉल में मिनी लाइब्रेरी के लिए जगह बनाई जाएगी। यहां पार्टीशन कर लाइब्रेरी जैसे डेवलप किया जाएगा, जिसके बाद स्टूडेंट्स की डोनेटेड बुक्स से यह लाइब्रेरी का आकार लेगी। इसके बाद कोई भी एनसी हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स यहां मौजूद बुक्स से पढ़ाई कर सकेगा और इस व्यवस्था का फायदा उठा सकेगा।

हॉल को कराया गया दुरुस्त

नाथ चंद्रावत हॉस्टल में पहले हॉल को दुरुस्त कराने के साथ ही उसे बेहतर कराया गया है। इसमें जगह-जगह मोटीवेशनल कोट्स भी लगाए गए हैं, जिससे यहां आने वालों का ध्यान इस ओर जाए और उन्हें पॉजिटिव एनर्जी के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले। कॉमन हाल की दीवारों पर स्टूडेंट्स की ओर से चुने महापुरुषों के कथन व सुविचार अंकित करवाए गए हैं। करीब पांच दर्जन विचारों को हिंदी, इंग्लिश और संस्कृत में लगाया गया है। गणतंत्र दिवस के मौके पर हॉस्टल के कॉमन हाल में एक प्रोग्राम भी ऑर्गनाइज किया गया था, जिसमें यूनिवर्सिटी के पीवीसी प्रो। एसके दीक्षित, रजिस्ट्रार सुरेश चंद्र शर्मा और फायनेंस ऑफिसर वीरेंद्र चौबे गेस्ट के तौर पर पहुंचे थे। सभी ने इन कोशिशों की जमकर तारीफ भी की थी।

वर्जन

हॉस्टलर्स ने पहल की है कि यहां मिनी लाइब्रेरी बनाई जाए। इसके लिए सभी फाइनल इयर के स्टूडेंट्स हॉस्टल छोड़ने से पहले बुक्स भी डोनेट करने का तैयार हैं। उम्मीद है हॉस्टल के स्टूडेंट्स को जल्द एक लाइब्रेरी मिल जाएगी।

- प्रो। अजय कुमार शुक्ला, वार्डन, एनसी हॉस्टल