-यूनिवर्सिटी में नहीं है स्टूडेंट्स के प्लेसमेंट की व्यवस्था

- स्टूडेंट्स को होती है प्रोफेशनल स्किल्स की समस्या

- रिसर्च स्कॉलर के भरोसे हो रही है पीयू में पढ़ाई

PATNA : पटना यूनिवर्सिटी बिहार का पहला व देश का सातवां सबसे पुराना यूनिवर्सिटी है। यूनिवर्सिटी में रेगुलर कोर्सेज के अलावा सेल्फ फाइनेंस प्रोफेशनल कोर्स चलाए जाते हैं। जॉब की आशा में हजारों स्टूडेंट्स इन कोर्सेज में एडमिशन लेते हैं। स्टूडेंट्स लगातार साल-दो साल पढ़ाई करने के बाद प्लेसमेंट की आशा करते हैं। लेकिन कुछ ही स्टूडेंट्स भाग्यशाली होते हैं जो जुगाड़ पर जॉब पाते हैं।

प्रोफेशनल स्किल्स की समस्या

कैंपस में लगभग सभी डिपार्टमेंट में टीचर्स की कमी है। यहां डिपार्टमेंट्स में गेस्ट फैक्लटीज व रिसर्च स्कॉलर के भरोसे पढ़ाई होती है। प्लेसमेंट के लिए कंपनीज स्टूडेंट्स के एकेडमिक रिकार्ड के अलावा उनके भीतर टेक्नीकल व प्रोफेशनल स्किल ढूुढते हैं। पर यहां तो प्रोफेशन स्किल बढ़ाने का काम ही नहीं होता, जिसका खामियाजा स्टूडेंट्स को ही भुगतना पड़ता है।

यूनिवर्सिटी इंडस्ट्रीज सेंटर नहीं उतर पाया जमीन पर

स्टूडेंट्स में प्रोफेशनल स्किल्स डेवलप करने और कोर्सेज में बदलाव की कवायद यूनिवर्सिटी कर रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को रोजगार मिल सके। इसके लिए यूनिवर्सिटी व इंडस्ट्रीज के अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई थी। बैठक में निर्णय लिया गया था कि पीयू में 'यूनिवर्सिटी इंडस्ट्रीज सेंटर' के लिए दरभंगा हाउस या पटना कॉलेज में जगह और पांच लाख रुपए देना तय हुआ था। पर इस प्रस्ताव को जमीन पर उतारने के लिए पांच साल से बातचीत चल रही है, लेकिन पीयू की ओर से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।

अधर में लटका मामला

यूनिवर्सिटी या एकेडमिक इंस्टीच्यूट में प्लेसमेंट सेल होता है। सेल प्लेसमेंट के लिए इंडस्ट्रीज में स्टूडेंट्स के लिए बेस्ट पैकेज दिलाने का काम करती है। पीयू में इसके लिए डिमांड तो कई बार उठा लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं हो पाया।

चैंबर की ओर से लंबे समय से पीयू में यूनिवर्सिटी इंडस्ट्रीज सेंटर के स्थापना का प्रस्ताव मिला हुआ है। इस दिशा में जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हो पाया है। जिसके कारण स्टूडेंट्स को जॉब के लिए ऑप्सन नहीं मिल पाता है।

- डॉ एन के चौधरी, डीन सोशल साइंस, पीयू