कैंपस में किया प्रदर्शन

यूनिवर्सिटी की परीक्षा समिति ने मंडे को एक फैसले के तहत प्राइवेट स्टूडेंट्स के एडमिशन नए सेशन से करने पर रोक लगा दी है। हालांकि इस फैसले से मीटिंग में भी बहुत से मेंबर्स असहमत थे, लेकिन किसी ने आवाज नहीं उठाई। जब इस फैसले की जानकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को हुई तो उनमें आक्रोश फैल गया। स्टूडेंंट यूनियंस और यूनिवर्सिटी कर्मचारियों ने इसके विरोध में ट्यूजडे को धरना-प्रदर्शन किया था। वेडनसडे को स्टूडेंंट यूनियन के लीडर्स ने यूनिवर्सिटी कैंपस में धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद भी जब अधिकारियोंं ने इसपर कोई एक्शन नहीं लिया तो नारेबाजी की गई। नारेबाजी करते हुए सभी लोगों ने वीसी ऑफिस होते हुए पूरी

यूनिवर्सिटी में तालाबंदी कर दी।

कर्मचारी और छात्र नेताओं की हुई मीटिंग

कर्मचारी और छात्र नेताओं ने वीसी प्रो। डीएन जौहर के ऑफिस के बाहर बैठकर एक मीटिंग की। इस दौरान भी स्टूडेंट्स ने नारेबाजी जारी रखी। आक्रोशित स्टूडेंट्स ने वीसी ऑफिस भी बंद कराने की कोशिश की। उसके बाद कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अखिलेश चौधरी के कार्यालय में स्टूडेंट्स लीडर्स और कर्मचारियों के बीच मीटिंग हुई। जिसमें औटा के खिलाफ भी रोष व्यक्त किया गया।

मौके पर पहुंची पुलिस

यूनिवर्सिटी कैंपस में स्टूडेंट्स की ओर से किए जा रहे हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने स्थिति पर काबू पाया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डीएम अमित चौहान और डीआइजी आरके स्र्वणकार सहित अन्य एडमिनिस्टे्रटिव ऑफिसर्स भी पहुंच गए। उसके बाद सभी अधिकारियों ने वीसी प्रो। डीएन जौहर से मीटिंग भी की।

प्रदर्शन ये रहे प्रदर्शन करने वाले

यूनिवर्सिटी कर्मचारी संघ के अखिलेश चौधरी, अरविंद गुप्ता, दीपक गुप्ता, शरद कटियार आदि ने जमकर नारबाजी की। इसके अलावा स्टूडेंट लीडर्स में मदन मोहन शर्मा, ब्रजेश शर्मा, शफीक अहमद, पूर्व छात्र नेता अतुल दुबे आदि सहित मुख्य रूप से मौजूद रहे।

वीसी का रवैया तानाशाही वाला है। ये रवैया इनको ठीक करना पड़ेगा। जिससे यूनिवर्सिटी का कुछ हित हो सके। अगर जल्द ही प्राइवेट परीक्षा वाला फैसला नहीं बदला गया तो आंदोलन बड़े स्तर पर होगा।

अखिलेश चौधरी, कर्मचारी संघ अध्यक्ष

जो परीक्षा समिति के फैसले पर एक्शन लेने का अधिकार सिर्फ वीसी को ही है। वीसी प्रो। डीएन जौहर इस फैसले पर विचार कर रहे हैं।

प्रभात रंजन, रजिस्ट्रार यूनिवर्सिटी