-ऑफलाइन के बाद ऑनलाइन मांगी जा रही एक कोर्स की फीस

-विश्वविद्यालय अधिकारियों को नहीं है मामले की जानकारी

आगरा। डॉ। भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय अक्सर अधिकारियों की कार्यशैली के चलते विवादों में घिरा रहता है। इस बार मामला फीस जमा करने का एक कोर्स के लिए विवि अधिकारियों द्वारा दो बार फीस जमा कराई जा रही है। जिसका स्पष्ट जबाव विवि प्रशासन के पास नहीं है। विश्वविद्यालय में एनसीटीई द्वारा चार वर्षीय अध्यापक कोर्स संचालित करने के लिए विवि द्वारा आवेदन मांगे गए हैं। जिसमें कॉलेजों द्वारा दो हजार रुपये ऑफलाइन जमा करने के निर्देश जारी किए गए।

इच्छुक कॉलेजों ने किया आरटीजीएस

सेल्फ फाइनेंस कॉलेज संचालकों द्वारा आरटीजीएस इलाहाबाद बैंक में किया गया। सेल्फ फाइनेंस कॉलेज एसोसिएशन के महासचिव डॉ। आशुतोष पचौरी ने बताया कि अभी तक करीब पांच सौ कॉलेज उक्त कोर्स के लिए दो हजार रुपये जमा कर चुके हैं।

ऑफलाइन के बाद ऑनलाइन मांगा शुल्क

विवि के खाते में ऑफलाइन प्रक्रिया से करीब आठ लाख से अधिक रुपये जमा किए गए। 19 जुलाई को विवि द्वारा ऑनलाइन दो हजार रुपए विवि के खाते में जाम करने का फरमान जारी कर दिया गया। जबकि पहले जमा किए ऑफलाइन का विवि अधिकारियों पर कोई जवाब नहीं है।

राज्यपाल तक पहुंचा मामला

विवि प्रशासन द्वारा एक कोर्स के लिए दो बार शुल्क मांगने का मामले में सेल्फ फाइनेंस एसोसिएशन के महासचिव डॉ। आशुतोष पचौरी ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल से पूरे प्रकरण की शिकायत की है। उनका कहना है अगर विवि प्रशासन द्वारा जमा रकम का हिसाब नहीं दिया गया तो उच्चस्तर पर मामले को उठाया जाएगा।