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LUCKNOW : उन्नाव के माखी गैंग दुष्कर्म पीड़िता की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों का बचाव कर रहे पुलिस अधिकारी सुप्रीम कोर्ट का रुख देखते ही बैकफुट पर आ गए। गुरुवार को सुरक्षा में तैनात तीन पुलिसकर्मियों सस्पेंड कर दिया गया। इन तीनों को सुरक्षा में लापरवाही बरतने का दोषी पाए जाने पर एसपी उन्नाव ने कार्रवाई की है।

नहीं दी सूचना

पीड़िता की सुरक्षा में तैनात पुरुष कांस्टेबल सुदेश कुमार (गनर), महिला आरक्षी रूबी पटेल और सुनीता देवी रविवार को हुई कार-ट्रक दुर्घटना के वक्त साथ नहीं थे। हादसे के दूसरे दिन पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह यह कहते हुए तीनों का बचाव करते दिखे थे कि पीड़िता ने खुद उन सभी को कार में जगह न होने की बात कहकर ले जाने से इन्कार कर दिया था। नियमों के मुताबिक वीआईपी सुरक्षा में लगे कर्मियों को कभी भी ऐसा होने पर तुरंत इसकी जानकारी आलाधिकारियों को देनी होती है। फोन न मिलने की सूरत में नजदीकी थाने से वायरलेस से संदेश देना होता है लेकिन उन सभी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया।

आईजी ने माना चूक

इसको लेकर मामले ने तूल पकड़ा तो आईजी लखनऊ रेंज एसके भगत ने उन्नाव पहुंचकर कहा था कि साथ न जाना सुरक्षाकर्मियों की बड़ी चूक थी। इस मामले में एसपी एमपी वर्मा से रिपोर्ट मांगी गई थी। एसपी ने सूचना देने के बाबत पूछा तो सिपाही बगले झांकने लगे थे। हालांकि कार्रवाई तब भी नहीं हुई थी। बुधवार को पीड़िता की चाची के अंतिम संस्कार के दौरान आए आईजी ने रिपोर्ट न दिए जाने पर तल्खी जताई और उसी के अगले दिन एसपी उन्नाव ने तीनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया।

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