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LUCKNOW : माखी कांड की पीड़िता के साथ एक्सीडेंट की घटना के बाद से सीबीआई अफसरों का बुरा हाल था तो गुरुवार को इस मामले का सुप्रीम कोर्ट द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद हड़कंप मच गया। एक्सीडेंट की घटना के बाद से लगातार सुरागरसी में जुटी सीबीआई ने राज्य सरकार द्वारा आनन-फानन में की गयी सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद तत्काल केस दर्ज कर लिया तो लखनऊ स्थित सीबीआई के जोनल कार्यालय की ज्वाइंट डायरेक्टर संपत मीणा को नई दिल्ली स्थित मुख्यालय तलब कर लिया गया। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई से पहले सीबीआई की एक टीम रायबरेली पहुंचकर घटना से जुड़े अहम सबूत एकत्र करने में जुट गयी तो दूसरी टीम ने ट्रॉमा सेंटर जाकर पीड़िता और उसके अधिवक्ता की सेहत का हाल लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया।
जांच पूरी करने को झोंकी ताकत
माखी कांड में दर्ज चार केसों की जांच सीबीआई बीते 15 महीनों से कर रही है। इन चारों केसों में सीबीआई ने अदालत में चार्जशीट तो दाखिल कर दी है पर अग्रिम जांच जारी रहने की वजह से इसका ट्रायल अभी शुरू नहीं हो सका है। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक्सीडेंट की घटना की जांच अधिकतम 15 दिन और बाकी मामलों की जांच 45 दिन में पूरी करने के आदेश ने अफसरों की नींद उड़ा दी है। नतीजतन सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच के एएसपी से लेकर सिपाही तक को इस मामले की जांच में झोंक दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा चारों मामलों की जांच की स्टेटस रिपोर्ट तलब किए जाने की संभावना को ध्यान में रखकर बुधवार देर रात तक सीबीआई के अफसर जांच से जुड़े दस्तावेजों को लेकर माथापच्ची करते रहे ताकि अदालत में पेश किए जाने वाले तथ्यों में कोई चूक न हो सके।
ज्वाइंट डायरेक्टर ने दी जानकारी
ध्यान रहे कि रायबरेली में पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे में साजिश की आशंका के मद्देनजर सीबीआई की ज्वाइंट डायरेक्टर संपत मीणा ने सोमवार को पूरे दिन विवेचकों के साथ मीटिंग कर रिपोर्ट तैयार की थी जिसे लेकर वह मंगलवार को दिल्ली गयी थीं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज चारों मामलों की स्टेटस रिपोर्ट तलब किए जाने के बाद सीबीआई डायरेक्टर के निर्देश पर संपत मीणा ने अदालत के सामने रिपोर्ट पेश की और जांच की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
चीफ आईओ का ट्रांसफर
माखी कांड में दर्ज किए गये चारों केस के चीफ आईओ का ट्रांसफर होने से जांच की रफ्तार सुस्त हो गयी थी। अप्रैल 2018 में दर्ज किए गये इन केसों की जांच डिप्टी एसपी आरआर त्रिपाठी को सौंपी गयी थी जिनका दो माह पूर्व नई दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय तबादला हो चुका है। अब इन मामलों की जांच सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच के दो इंस्पेक्टरों के हवाले की गयी है। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद अब ज्वाइंट डायरेक्टर के निर्देशन में एंटी करप्शन ब्रांच के एसपी राघवेंद्र वत्स ने इसकी कमान अपने हाथ में ले ली है।
एयरलिफ्ट की पूछी संभावना
वहीं दूसरी ओर गुरुवार को ट्रॉमा सेंटर पहुंची सीबीआई की टीम ने पीड़िता और उसके अधिवक्ता की तबियत का हाल जानने के अलावा दोनों को नई दिल्ली स्थित एम्स में एयरलिफ्ट कराने की संभावना पर भी चर्चा की। डॉक्टर्स ने उनको बताया कि पीड़िता की हालत गंभीर पर स्थिर बनी हुई है, जबकि अधिवक्ता को बार-बार वेंटिलेटर सपोर्ट देना पड़ रहा है।
फॉरेंसिक टीम आज जाएगी रायबरेली
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 15 दिन के भीतर रायबरेली सड़क हादसे की जांच पूरी करने के आदेश के बाद सीबीआई ने आनन-फानन में नई दिल्ली स्थित सीबीआई की सेंट्रल फॉरेंसिक लैब के एक्सपट्र्स को लखनऊ बुलाया है। शुक्रवार को सीबीआई के अफसर फॉरेंसिक टीम के साथ रायबरेली जाकर घटनास्थल का मुआयना करेंगे और साक्ष्य जुटाएंगे। इसके अलावा क्राइम सीन रिक्रिएशन की मदद से एक्सीडेंट की सही वजह का पता लगाने की कोशिश करेंगे। वहीं दूसरी ओर आज रायबरेली पहुंची सीबीआई टीम ने टोल प्लाजा से सीसीटीवी फुटेज अपने कब्जे में ले लिए हैं। इसके अलावा ट्रक के मालिक, ड्राइवर, क्लीनर समेत पांच लोगों के मोबाइल की कॉल डिटेल भी जुटाई है जिनका गहनता से परीक्षण किया जा रहा है।
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