RANCHI: राजधानी में कोरोना के मरीजों के मिलने की रफ्तार धीमी पड़ गई है। अब सिटी में एक-दो कोरोना पॉजिटिव के केस ही सामने आ रहे हैं। लेकिन इस बीच हेल्थ डिपार्टमेंट सुस्त पड़ गया है। वहीं कोरोना पॉजिटिव मरीजों के परिजनों के सैंपल कलेक्ट करने में भी ढुलमुल रवैया देखा जा रहा है। ऐसे में कहीं यह ढील सिटी के लोगों के लिए भारी न पड़ जाए। चूंकि पॉजिटिव पाए जाने के बाद परिजनों को भी इन्फेक्शन होने का डर सता रहा है। इतना ही नहीं, उसी बिल्डिंग में रेंट में रहने वाले लोग भी डरे हुए हैं कि कहीं वे लोग भी कोरोना की चपेट में न आ जाएं। बताते चलें कि केतारी बागान में एक व्यक्ति में दो दिन पहले ही कोरोना की पुष्टि हुई है।

परिजनों का नहीं लिया सैंपल

28 मई को केतारी बागान में रहने वाले एक व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट आई, जिसके बाद टीम ने उसे तत्काल रिम्स में इलाज के लिए शिफ्ट कर दिया। वहीं, बिल्डिंग को सील करने के बाद परिजनों को घर पर ही छोड़ दिया। अब दो दिन बाद जब टीम परिजनों का सैंपल लेने पहुंची तो उस बिल्डिंग में रहने वाले रेंटर्स ने हंगामा कर दिया। साथ ही कहा कि सभी लोग किसी ने किसी तरह कांटैक्ट में आए हैं। वहीं छोटे बच्चे भी उनके घर में गए थे। ऐसे में सभी का टेस्ट किया जाना चाहिए। इसके बाद टीम बिना किसी का सैंपल लिए लौट गई।

लापरवाही की चुकानी होगी बड़ी कीमत

रिम्स में तीन दिन पहले मेडिसीन वार्ड में इलाज करा रहे गिरिडीह के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जिसकी रिपोर्ट बाद में कोरोना पॉजिटिव आई। लेकिन इससे पहले ही परिजन मृतक का शव देर रात लेकर जा चुके थे। जहां पर बड़ी लापरवाही सामने आई। सैंपल लिए जाने के बावजूद बॉडी ले जाने से परिजनों को नहीं रोका गया। ऐसे में साफ है कि इस तरह के मामलों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।