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KANPUR: एक दिन अचानक रास्ते में दो बहुत पुराने दोस्त मिले। रवि और वरुण। एकदूसरे को देखकर दोनों बहुत खुश हुए, आखिर दोनों बचपन के दोस्त थे। पढऩे-लिखने के बाद नौकरी और बिजनेस की वजह से दोनों अलग हो गए। काफी दिनों बाद मिले दोस्तों ने उस दिन शाम एक- दूसरे के साथ बिताने की सोचा। दोनों ने एक-दूसरे के आर्थिक स्थिति पर बात दी।

बातों-बातों में पता चला कि रवि अपनी जिंदगी में सफल इंसान बन गया, तो वरुण अबतक असफल था। वरुण ने रवि से पूछा कि तुम कैसे सफल हुए। रवि ने कहा कि मैंने तुम से ही तो सीखा है। वरुण ने पूछा कैसे । रवि ने वरुण से पूछा कि तुम अपने जीवन में असफल कैसे हुए। उसने बताया कि पहले मेरे पास बहुत पैसे थे, तो मैंने सफल होने के लिए एक कंपनी खोली, जिसमें मैंने बहुत पैसा लगाया। फिर मैंने और पैसे लगाकर उसी साल में दूसरी कंपनी भी खोल दी। क्योंकि मैं जल्दी सफल होना चाहता था लेकिन मैं अपनी दोनों कंपनियों में से एक को भी वक्त नहीं दे पाया और धीरे-धीरे मेरी दोनों कंपनियां घाटे की वजह से बंद हो गईं।

पहले ही मैंने कंपनियों में अपने सारे पैसे लगा दिये थे, तो उसके बाद मेरे पास कुछ भी नहीं बचा।रवि ने कहा कि तुम्हारे असफल होने के दो बड़े कारण हैं। एक तो तुमने बिना सोचे-समझे एक ही साल में दो कंपनियां खोलीं। दूसरा मुनाफे और घाटे के बारे में बिना सोचे तुमने सारा पैसा कंपनियों में लगा दिया। बाद में तुम्हारे पास कुछ भी नहीं बचा। मैं तुम्हारे जैसे असफल लोगों को देखकर ही तो सिखता हूं। असफल लोग जो गलतियां करते हैं उनसे सीखकर मैं उसे अपने जीवन में नहीं दोहराता, लेकिन तुमने अभी तक खुद की असफलता से भी कुछ नहीं सीखा है, इसलिए अभी तक असफल हो। वरुण को रवि की सारी बातें समझ में आ गई।

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