यह बंगला है सबसे रहस्यमयी

नई सरकार के आते ही सियासी गलियारों में फिर से बंगला नंबर 6 की चर्चा जोरों-शोरों से है। कालिदास मार्ग पर सीएम आवास के बगल में बंगला नंबर 6 के साथ कुछ ऐसा संयोग रहा कि जो भी यहां रहा, उसका भला नहीं हो सका। बताते हैं कि यहां जो भी अधिकारी रहने आया, उसके साथ कुछ न कुछ बुरा होता रहता है।

ये लोग रहे हैं इस बंगले में :

नीरा यादव :

मुलायम सरकार में मुख्य सचिव रह चुकीं नीरा यादव यहां रहती थीं। इसी बंगले में रहते उन पर मुसीबतें आनी शुरु हुईं। नोएडा में प्लॉट आवंटन मामले में नीरा का नाम आया। यही नहीं इस केस में उन्हें जेल भी जाना पड़ा।

प्रदीप शुक्ला :

प्रमुख सचिव परिवार कल्याण रहे प्रदीप शुक्ला भी इस मकान में रह चुके हैं। वह एनआरएचएम घोटाले में फंस गए। बाद में इस बंगले को मंत्रियों या अहम पदों पर बैठे नेताओं के लिए आवंटित किया जाने लगा।

अमर सिंह :

साल 2003 में आई सपा सरकार में अमर सिंह को यह बंगला आवंटित किया गया। इसके बाद मुलायम सरकार तो गई ही, साथ ही अमर सिंह को सपा से निकाल दिया गया। और वह कई विवादों में भी रहे।बाबूसिंह कुशवाहा :

बसपा के बाबूसिंह कुशवाहा को भी इसी बंगले में रहना पड़ा था। शुरुआत में बाबूसिंह को कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन सरकार के आखिरी समय में वह एनआरएचएम घोटाले में फंस गए और जेल भी गए।

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वकार अहमद शाह :

बसपा के बाद फिर सपा सरकार आई और यह बंगला कैबिनेट मंत्री वकार अहमद शाह को दिया गया। अहमद शाह करीब 6 महीने तक इसमें रहे और उसके बाद बीमार पड़ गए। अभी तक वह कोमा में हैं।

राजेंद्र चौधरी :

अखिलेश यादव की सरकार में यह बंगला राजेंद्र चौधरी को आवंटित किया गया। इस आवास में शिफ्ट हुए उन्हें एक दिन नहीं बीता था, उनसे एक अहम मंत्रालय छीन लिया गया।

जावेद आब्दी :

चौधरी के बाद जावेद आब्दी को यह बंगला दिया गया। आब्दी जब इस बंगले में आए, उस वक्त वह उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन थे। कुछ दिन बाद उन्हें पद से हटा दिया गया।

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